नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकारों को रूपे कार्ड और भीम एप के जरिये डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को जीएसटी पर कैश-बैक के रूप में प्रोत्साहन देने की परीक्षण परियोजनाएं शुरू करने की छूट देने का फैसला किया गया है. राज्य स्वेच्छा से यह परियोजना शुरू कर सकेंगे. गोयल की अध्यक्षता में शनिवार को यहां जीएसटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
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बैठक में इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक समिति की सिफारिश के आधार पर ग्राहकों को कर के 20 फीसदी या अधिकतम 100 रुपये तक का कैशबैक देने की योजना पायलट आधार पर शुरू करने को मंजूरी दी गयी. जीएसटी परिषद की शनिवार की बैठक में इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) से जुड़े जीएसटी के मसलों पर विचार के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) गठित करने का निर्णय किया गया.
बैठक में यह भी तय किया गया कि इसके साथ साथ एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े कानून व प्रक्रिया संबंधी मामलों पर विधि समिति विचार करेगी, जिसमें केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी होते हैं. इसी तरह इस क्षेत्र के कर से संबंधित मुद्दों पर कर अधिकारियों की फिटमेंट समिति विचार करेगी. डिजिटल भुगतान पर प्रोत्साहन के बारे में गोयल ने कहा कि जो राज्य सरकारें इसे स्वयं करना चाहती हैं, वे इसे परीक्षण के आधार पर शुरू कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि परीक्षण के नतीजों के आधार पर हम आकलन कर सकते हैं कि इसमें राजस्व का कितना नफा नुकसान होगा.
सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक समिति ने रूपे और भीम एप के जरिये भुगतान पर प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके तहत कैश-बैक (नकद वापस करने) का विचार है. इसके तहत ग्राहक को खरीद पर बनने वाले जीएसटी के 20 फीसदी तक की राशि नकद वापस मिल सकती है. इसकी अधिकतम सीमा 100 रुपये होगी. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 28-29 सितंबर को गोवा में होगी.
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