नयी दिल्ली : कर्ज के बोझ से दबी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को उम्मीद है कि वह 25,000 करोड़ रुपये तक की परिसंपत्तियों की बिक्री इस माह के अंत तक संपन्न कर लेगी. इसके अलावा, सितंबर के अंत तक वह एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये चुकाने पर भी सहमत हो गयी है, ताकि दोनों के बीच के विवाद का निपटान किया जा सके.
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शेयर बाजार को दी गयी जानकारी में कंपनी ने कहा कि वह 30 सितंबर, 2018 से पहले एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये चुकाने के लिए सहमत है. सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन अगस्त को दोनों कंपनियों के बीच विवाद निपटाने की इस प्रक्रिया को मंजूर कर लिया था. दोनों कंपनियों के बीच 2014 में एक सात साल का समझौता हुआ था. इसमें एरिक्सन को देशभर में आरकॉम के दूरसंचार नेटवर्क के परिचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गयी थी.
एरिक्सन का आरोप था कि आरकॉम ने उसके 1,500 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया है और वह इस मामले को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण में ले गयी थी. इस संबंध में अधिकरण के 30 मई के फैसले पर गौर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दिया. इसके अनुसार, एरिक्सन अपने 1500 करोड़ रुपये के बकाया को 550 करोड़ रुपये में निपटाने के लिए तैयार हो गयी. आरकॉम को यह रकम 120 दिन के अंदर चुकाने के लिए कहा गया है.
शीर्ष अदालत ने तीन अगस्त को आरकॉम को अपने स्पेक्ट्रम, ऑप्टिकल फाइबर, टावर और रीयल एस्टेट इत्यादि परिसंपत्तियां बेचने की भी अनुमति दे दी, जिनका मूल्य लगभग 25,000 करोड़ रुपये है. आरकॉम ने कहा कि उसे अपनी परिसंपत्तियां अगस्त, 2018 के अंत तक बेचे जाने की उम्मीद है. इसके अलावा, आरकॉम ने अपनी दूरसंचार परिसंपत्तियों को बेचने के लिए रिलायंस जियो और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ब्रुकफील्ड से भी समझौता किया है.
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