नयी दिल्ली : देश की प्रमुख साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने रिफंड के झूठे दावे को लेकर ‘एसएमशिंग’ लिंक के जरिये लोगों को भेजे जा रहे फर्जी संदेशों (मैसेज) के प्रति चेताया है. एजेंसी ने कहा कि लोगों को आयकर विभाग के नाम से इस लिंक के जरिये फर्जी संदेश भेजे जा रहे हैं और उसमें कहा जा रहा है कि आपका रिफंड मंजूर हो गया है. उसका उद्देश्य प्राप्तकर्ता की निजी जानकारियां जुटाना और उन्हें इंटरनेट की काली दुनिया में बेचने के लिये डालना है.
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एजेंसी ने कहा कि यह एसएमशिंग लिंक एसएमएस और फिशिंग दो शब्दों को मिला कर बनाया गया है. इंटरनेट पर लोगों को लोभ में फंसा कर उनकी व्यक्तिगत सूचना और पासवर्ड आदि हासिल करने की चाल को फिशिंग (मछली फंसाना) कहा जाता है. एजेंसी द्वारा यह चेतावनी ऐसे वक्त आयी है, जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है.
एजेंसी की यह चेतावनी एक परामर्श के रूप में काम करती है. हाल ही में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि उन्हें इस तरह के संदेश प्राप्त हुए हैं. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने कहा कि जब कोई शख्स इस तरह के संदेश पर दिये लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके निजी सूचनाओं की इंटरनेट पर बिक्री को जोखिम होता है. यहां तक कि ई-फाइलिंग के ब्योरे का दुरुपयोग करके आयकर विभाग के रिकॉर्ड में भी बदलाव किया जा सकता है.
परामर्श में यह भी बताया गया है कि कैसे इन फर्जी संदेशों की पहचान की जाये. इसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में इस तरह की घटनाओं से जुड़ी खबरों की संख्या में इजाफा हुआ. लोगों की निजी जानकारी हासिल करने के इस अभियान में लोकप्रिय यूआरएल (यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर) शॉर्टनिंग सेवा जैसे बिट.ली, गू.गल और टी. को आदि का उपयोग करते हैं. इनका उपयोग यूआरएल को छोटा करने और उसकी पहचान छुपाने के लिए होता है.
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग इस तरह के भ्रामक संदेशों और ऑनलाइन हमलों के बारे में करदाताओं को जागरूक कर रहा है. हम सीईआरटी-इन के अधिकारियों के भी संपर्क में है और हमने इस संबंध में सार्वजनिक रुप से परामर्श भी जारी किया है.
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