इस्तांबुल : अमेरिका के साथ तनाव गहराने से तुर्की की मुद्रा लीरा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 फीसदी गिरकर नये रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गयी. हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन का दावा है कि इस आर्थिक युद्ध में तुर्की निश्चित तौर पर विजेता बनकर उभरेगा. लीरा में शुक्रवार को आयी गिरावट एर्दोआन के 2003 में सत्ता में आने के बाद से यह तुर्की का सबसे बड़ा आर्थिक संकट है. इससे पहले तुर्की ने 2001 में भीषण आर्थिक संकट का सामना किया था.
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कैपिटल इकोनॉमिक्स के मुख्य वैश्विक अर्थशास्त्री एंड्र्यू केनिंघम ने कहा कि मई में शुरू हुई लीरा की गिरावट अब ऐसी स्थिति में आ गयी है, जो तुर्की की अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेल देगी और यह बैंकिंग संकट उत्पन्न कर सकती है. मुद्रा का यह संकट ऐसे समय आया है, जब तुर्की का अमेरिका के साथ संबंध 1974 के बाद के सबसे बुरे दौर में है. संबंधों में सुधार के भी फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. तुर्की के इस मुद्रा संकट ने वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों पर भी असर डाला है. कुछ यूरोपीय बैंक तुर्की को दिये भारी कर्ज के कारण इस संकट की चपेट में आ गये हैं.
एफएक्सटीएम के प्रमुख (मुद्रा रणनीति) जमील अहमद ने कहा कि पिछले 24 घंटे में हमने किसी मुद्रा में गिरावट की जो रफ्तार देखी है, मेरी याद से ऐसा इससे पहले 2014 में रूस की मुद्रा रूबल के साथ हुआ था. इस संकट का असर वाल स्ट्रीट पर भी देखने को मिला. पिछले दिवस डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज, एसएंडपी500 और नासडैक सभी गिरावट में बंद हुए. हालांकि, अब तक इस बाबत लगभग चुप रहे एर्दुआन ने तुर्की के लोगों से इस मामले को अपने हाथों में लेने की अपील की है.
उन्होंने कि यदि आपके पास डॉलर, यूरो या सोना है, तो उन्हें बैंक में जाकर लीरा से बदलिये. यह राष्ट्रीय संघर्ष है. यह उन लोगों को हमारा जवाब होगा, जिन्होंने आर्थिक युद्ध शुरू किया है. एर्दोआन ने जारी संकट के मद्देनजर गुरुवार को दैवीय मदद की आस जाहिर कर दी थी. उन्होंने कहा था कि यदि उनके पास डॉलर है, तो हमारे पास अपने लोग हैं. हमारे पास अधिकार हैं और हमारे साथ अल्लाह है.
दोनों देशों के बीच अमेरिकी पादरी एंड्र्यू ब्रुनसन समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले दो साल से संबंध बिगड़ रहे हैं. तुर्की का आरोप है कि दो साल पहले हुई तख्तापलट की कोशिश में पादरी ब्रुनसन की भी संलिप्तता है. एर्दुआन ने कहा था कि उनके पास इस संकट में ईरान से लेकर रूस तक और चीन से लेकर कुछ यूरोपीय देश तक विकल्प हैं. इस बीच एर्दोआन ने कल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की.
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