स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी कुछ अहम बातें

आजकल इलाज के भारी-भरकम खर्च को देखते हुए एहतियाती उपाय जरूरी हैं. स्वास्थ्य बीमा इसी जरूरत को पूरा करते हैं. आयकर में छूट के प्रावधानों के चलते यह आपकी टैक्स प्लानिंग का भी जरूरी हिस्सा हो सकता है. स्वास्थ्य बीमा के तहत, ग्राहक बीमा कंपनी को एक तयशुदा रकम सालाना प्रीमियम के रूप में अदा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

आजकल इलाज के भारी-भरकम खर्च को देखते हुए एहतियाती उपाय जरूरी हैं. स्वास्थ्य बीमा इसी जरूरत को पूरा करते हैं. आयकर में छूट के प्रावधानों के चलते यह आपकी टैक्स प्लानिंग का भी जरूरी हिस्सा हो सकता है. स्वास्थ्य बीमा के तहत, ग्राहक बीमा कंपनी को एक तयशुदा रकम सालाना प्रीमियम के रूप में अदा करता है, जिसके एवज में वह ग्राहक के अस्पताल में भरती होने पर उसके इलाज संबंधी खर्च उठाती है.

बीमा कंपनी द्वारा वहन की जानेवाली यह रकम पॉलिसी की शर्तो व दायरे के मुताबिक होती है. पॉलिसी दस्तावेजों में इनसे संबंधित प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख रहता है. कंपनी द्वारा इलाज के लिए दी जानेवाली अधिकतम राशि पॉलिसी की बीमा राशि के बराबर होती है. प्रीमियम राशि का आधार पहला आधार होता है ग्राहक की उम्र. कम उम्र के बीमाधारक को कम प्रीमियम देना होता है. क्योंकि कम उम्र में जोखिम कम होता है और पॉलिसी की अवधि लंबी होती है. दूसरा मुख्य आधार बीमा राशि है.

ज्यादा बड़े कवर के लिए ज्यादा प्रीमियम अदा करना होगा. पॉलिसी के प्रकार पर भी प्रीमियम निर्भर करता है. पॉलिसी के तहत जितने अधिक लोग आते हैं, उसी हिसाब से प्रीमियम की राशि बढ़ती जाती है. ग्राहक के स्वास्थ्य की स्थिति की भी प्रीमियम में भूमिका होती है. धूम्रपान करनेवाले को धूम्रपान न करनेवाले से अधिक प्रीमियम देना पड़ता है.

कई तरह के एड-ऑन

आप चाहें तो बुनियादी पॉलिसी में कई राइडर जुड़वा सकते हैं, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम भी चुकाना होगा. आम तौर पर ओपीडी से जुड़े खर्चो का भुगतान बीमा कंपनी नहीं करती, पर ओपीडी राइडर लेकर आप इसे अपनी पॉलिसी में शामिल करा सकते हैं. कई बार बीमारी के बारे में किसी विशेषज्ञ या विदेश के जाने-माने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ जाती है, इस खर्च के लिए ई-ओपीनियन राइडर बाजार में है.

पॉलिसियों में विकल्प

बाजार में आज दर्जनों तरह की स्वास्थ्य बीमा योजनाएं उपलब्ध हैं. मोटे तौर पर चार तरह के प्लान हैं- व्यक्तिगत, फैमिली फ्लोटर (पारिवारिक), समूह, ओवरसीज (अंतरराष्ट्रीय). व्यक्तिगत पॉलिसी में केवल एक बीमाधारक को बीमा कवर मिलता है. इसी तरह फैमिली फ्लोटर में पूरे परिवार को बीमा कवर उपलब्ध कराया जाता है, जबकि ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में किसी समूह विशेष के सभी सदस्यों को बीमा कवर मिलता है.

यह समूह किसी कंपनी के कर्मचारियों का, किसी क्लब के सदस्यों का अथवा किसी एसोसिएशन या सहकारी संघ के सदस्यों का हो सकता है. ओवरसीज हेल्थ इंश्योरेंस तयशुदा अवधि के दौरान विदेश यात्र के दौरान होनेवाला मेडिकल खर्च कवर करता है. यह खर्च किसी बीमारी या दुर्घटना के चलते अस्पताल में भरती होने पर हो सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version