राखी ने बढ़ाया इ-बिजनेस का बाजार

मोनिका अग्रवाल इमेल : monikagarwal22jan@gmail.com राखी’ वैसे कहने को तो एक मामूली सा धागा है, पर रिश्तों की गहराइयों में जाकर महसूस करें तो यह सिर्फ एक मामूली धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायित्वों से सजा हुआ बंधन है जिसमें सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी भी निहित है. हालांकि आज इस त्योहार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2018 6:13 AM
मोनिका अग्रवाल
इमेल : monikagarwal22jan@gmail.com
राखी’ वैसे कहने को तो एक मामूली सा धागा है, पर रिश्तों की गहराइयों में जाकर महसूस करें तो यह सिर्फ एक मामूली धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायित्वों से सजा हुआ बंधन है जिसमें सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी भी निहित है.
हालांकि आज इस त्योहार की पहले जैसी रौनक नहीं दिखती, फिर भी हर भाई को यह आस जरूर होता है कि उसकी कलाई में धागा बांधनेवाली उसकी कोई तो एक बहन हो. जिन बहनों के भाई नहीं हैं या जिन भाइयों की बहनें नहीं हैं, कोई उनसे पूछे इस धागे की कीमत. इस दिन के खालीपन का दर्द!
रक्षा बंधन के दिन अगर बहन एक छोर पर हो और भाई उससे हजारों मील दूर दूसरे छोर पर हो, तो मन में टीस उठना स्वाभाविक है. हालांकि इंटरनेट के इस युग में कुछ भी असंभव नहीं है.
अब मीलों दूर बैठे भाई-बहन वीडियो कॉल के जरिये एक-दूसरे से बात कर लेते हैं. बहन अगर न भी जा पाये, तो भाई को ऑनलाइन राखी भेज देती है. बदलते वक्त के साथ एक सकारात्मक बदलाव यह भी देखने को मिल रहा है कि अब कई घरों में केवल बहनें अपने भाइयों को ही नहीं, भाई भी बहनों को राखी बांधने लगे हैं.
गुजरात में बहनों द्वारा भाईयों के साथ-साथ भाभियों को भी राखी बांधने का चलन रहा है. अब यह चलन देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है. यह निश्चित रूप से लड़कियों के प्रति समाज के बदलते नजरिये को दर्शाता है .
आज इंटरनेट पर ऐसे सैकड़ों वेबसाइट मौजूद हैं, जहां क्रेडिट/डेबिट कार्ड अथवा अन्य स्रोतों के जरिये भुगतान करके और आप अपने प्यारे भइया के नाम अपनी पंसद की राखी भिजवा सकती हैं. यहीं नहीं, राखी के साथ-साथ टीका,रोली, अक्षत, दीये और मिठाई से सजी-सजाई राखी की पारंपरिक थाली भी अपने भाइयों के पास ऑनलाइन ऑर्डर द्वारा भिजवा सकती हैं.
उपहारों का भी बदला है स्वरूप
राखी में उपहारों के लेन-देन में भी काफी बदलाव आया है. आज बड़े-बड़े तोहफों के बीच आत्मीयता का भाव कहीं गुम-सा हो गया है. विज्ञापनों में भी दिखाया जाता है कि जितना महंगा उपहार,उतना ही गहरा प्यार.
भाई-बहन के स्नेह की इस निशानी की कीमत आज हजारों-लाखों तक जा पहुंच गयी है. भावनाओं को अब मंहगे उपहारों के तराजू में नापा-तौला जाने लगा है. फिर भी रस्मों-रिवाजों के धागे से स्नेह का यह बंधन अब भी कुछ हद तक रिश्तों को जोड़े हुए हैं. रक्षाबंधन पर मिठाई की जगह अब चॉकलेट ने ले ली है. मिठाई केवल शगुन के लिए खरीदी जाती है. बाजार भी इस चलन को भुनाने में पूरी तरह से लगा है.
कुछ कंपनियों ने अपने राखी स्पेशल चॉकलेट पैक को ‘बंधन पैक’ का नाम तक दे दिया है. पैकेजिंग का भी विशेष ध्यान रखा गया है. इसके अलावा, स्मार्टफोन या अन्य मंहगे गैजेट्स की लेन-देन में बढ़ोतरी हुई है. आजकल बहनें भी भाइयों को पहले ही बता देती हैं कि उन्हें उपहार में क्या चाहिए.
इस वर्ष एक वचन के साथ राखी बांधे
इस वर्ष हर बहन अपने भाई की कलाई पर इस वचन के साथ राखी बांधे कि ‘जैसे तुम मुझे स्नेह, सम्मान और सुरक्षा देने का वादा करते हो, वैसे ही हर लड़की के सम्मान और सुरक्षा का ख्याल रखोगे.’ जब हर बहन अपने भाई से यह प्रतिज्ञा करवायेगी, तभी देश की हर बहन-बेटी सुरक्षित रह पायेगी.
हैप्पी राखी !!

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version