1 सितंबर से महंगा होगा कार-बाइक खरीदना, Insurance का है चक्कर, जानें नयी दरें
नयी दिल्ली: भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद वाहनों के लिए दीर्घकालिक तीसरा पक्ष बीमा करना एक सितंबर से अनिवार्य कर दिया है. इस कदम से कार और दोपहिया वाहन महंगे हो सकते हैं. तीन साल की लंबी अवधि का तीसरा पक्ष बीमा 1000 सीसी से […]
नयी दिल्ली: भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद वाहनों के लिए दीर्घकालिक तीसरा पक्ष बीमा करना एक सितंबर से अनिवार्य कर दिया है.
इस कदम से कार और दोपहिया वाहन महंगे हो सकते हैं. तीन साल की लंबी अवधि का तीसरा पक्ष बीमा 1000 सीसी से कम इंजन वाले वाहनों के लिए 5,286 रुपये, 1000-1500 सीसी के लिए 9,534 रुपये और 1500 सीसी से अधिक के वाहनों के लिए 24,305 रुपये होगी.
दोपहिया वाहनों के मामले में पांच साल का तीसरा पक्ष बीमा लागत 75 सीसी से कम इंजन शक्ति के लिए 1,045 रुपये, 75-150 सीसी के लिए 3,285 रुपये, 150-350 सीसी के लिए 5,453 रुपये और 350 सीसी से अधिक के लिए 13,034 रुपये होगा. मोटर वाहन अधिनियम के तहत तीसरा पक्ष बीमा अनिवार्य रखा गया है.
वाहन की चोरी, नुकसान होने सहित वृहद बीमा के तहत वाहन खरीदार के लिए बीमा एक साल के लिए अथवा तीन साल के लिए खरीदने का विकल्प है. दुपहिया के मामले में पांच साल का विकल्प है. अदालत के आदेश के मुताबिक अब सभी साधारण बीमा कंपनियों के लिए नयी कार के लिए तीन साल का दीर्घकालिक बीमा कवर और नये दुपहिया वाहन के मामले में तीसरे पक्ष का पांच साल का बीमा कवर जारी करना अनिवार्य होगा.
IRDA को इस फैसले को एक सितंबर 2018 से लागू करने का निर्देश दिया गया है. नियामक ने इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया है.
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