नयी दिल्ली: एनसीएलटी ने वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के विलय को मंजूरी दे दी है. इससे 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 23 अरब डाॅलर मूल्य देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनने का रास्ता साफ हो गया है. दूरसंचार क्षेत्र की प्रस्तावित दिग्गज कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड अपने वृहत आकार के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देगी जो फिलहाल देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है. वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के ग्राहकों की संख्या करीब 44.3 करोड़ है. वहीं भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 34.4 करोड़ है.
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी मिल गयी है और अगले कुछ घंटों में संयुक्त बयान जारी किये जाने की संभावना है. सरकार ने 26 जुलाई को वोडाफोन इंडिया और आइडिया के विलय को मंजूरी दी थी. दोनों कंपनियों द्वारा एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के रूप में 7,248.78 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के बाद सरकार ने यह मंजूरी दी. विलय के बाद बनने वाली इकाई में कुमार मंगलम बिड़ला गैर-कार्यकारी चेयरमैन होंगे और बालेश शर्मा नये सीइओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) होंगे. कंपनी सूचीबद्ध बनी रहेगी.
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने पिछले महीने कहा था कि सरकार विलय के बाद बाजार स्थिर होने की उम्मीद करती है. वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्यूलर ने इस बड़े सौदे की घोषणा मार्च 2017 में की थी. यह घोषणा मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच की गयी. जियो के मुफ्त में बातचीत और सस्ते डेटा शुल्क से दूरसंचार बाजार पर व्यापक असर पड़ा है.
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