14वीं और 15वीं लोकसभा में खोले गये MPLAD के 500 से अधिक खाते अब भी Active

नयी दिल्ली : सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) के तहत सिक्किम को छोड़कर बाकी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 14वीं और 15वीं लोकसभा के समय खोले गये कुल मिलाकर 526 खाते अब भी चल रहे हैं. इससे यह दिखाता है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने क्षेत्र में सुझायी गयी जनहित की परियोजनाओें पर निधि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2018 3:48 PM

नयी दिल्ली : सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) के तहत सिक्किम को छोड़कर बाकी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 14वीं और 15वीं लोकसभा के समय खोले गये कुल मिलाकर 526 खाते अब भी चल रहे हैं. इससे यह दिखाता है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने क्षेत्र में सुझायी गयी जनहित की परियोजनाओें पर निधि के इस्तेमाल में देरी हुई है. राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे संबंधित जिलों के अधिकारियों को इन खातों को जल्द से जल्द बंद करने के लिए उनकी समीक्षा करने का निर्देश दें.

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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा एकत्रित छह अगस्त, 2018 तक की सूचना के मुताबिक, विभिन्न राज्यों में 15वीं लोकसभा के समय सांसद निधि योजना के तहत खोले गये 318 खाते और उससे पिछली 14वीं लोकसभा के समय के 208 खाते अब भी सक्रिय हैं. एमपीलैड के तहत निर्वाचित लोकसभा सदस्य जनता की भलाई के लिए बनायी गयी योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जनहित में किये जाने वाले कामों का सुझाव दे सकता है. योजना के दिशा-निर्देश अनुशंसित कार्यों को 18 महीने में पूरा किये जाने और उसके अगले तीन महीनों में खातों को बंद किये जाने का प्रावधान करता है.

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि 15वीं लोकसभा मई, 2014 में भंग हुई. 15वीं लोकसभा के भंग होने के बाद भी अगर हम सुझाये गये कार्यों को पूरा करने और खातों कों बंद करने के लिए 21 और महीने देते हैं, तब भी उनके खाते 2016 की शुरुआत में बंद हो जाने चाहिए थे, लेकिन राज्यों में अब भी पिछली लोकसभा के समय के खाते चल रहे हैं.

महाराष्ट्र में 15वीं लोकसभा के समय के सबसे ज्यादा 39 सक्रिय खाते हैं, जिसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश आता है, जहां प्रत्येक में 27-27 खाते चल रहे हैं. वहीं, राजस्थान में 25 सक्रिय खाते हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में 23 खाते चल रहे हैं. सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां एमपीलैड के तहत कोई सक्रिय खाता लंबित नहीं है.

अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड उन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां केवल एक-एक खाता चल रहा था. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने राज्यों को जिला अधिकारियों को इन खातों को जल्द से जल्द बंद करने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश देने को कहा है.

इसी तरह 14वीं लोक सभा के समय के सर्वाधिक 36 सक्रिय खाते आंध्र प्रदेश में हैं. उसके बाद राजस्थान (21), कर्नाटक (20) और महाराष्ट्र (18) नंबर है. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे संबंधित जिलों के अधिकारियों को इन खातों को जल्द से जल्द बंद करने के लिए इनकी समीक्षा करें.

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