नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विकास दर में आयी गिरावट को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों को जिम्मेदार बताया है. सोमवार को स्पष्ट लहजे में कहा कि विकास दर की गिरावट में नोटबंदी की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास दर में आयी गिरावट के पीछे रघुराम राजन की ओर से गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को लेकर बनायी गयी नीतियां ज्यादा जिम्मेदार हैं, न कि नोटबंदी.
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि विकास दर में गिरावट की वजह नोटबंदी नहीं, बल्कि एनपीए समस्या रही. इसके लिए यूपीए सरकार और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी को लेकर उन लोगों ने कई तरह की बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने नोटबंदी पर झूठा आरोप लगाते हुए कहा है कि विकास दर नीचे होने की मुख्य वजह नोटबंदी है. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है.
#WATCH:Niti Aayog Vice-Chairman Rajiv Kumar on allegations that #demonetisation slowed down growth says 'This is a completely false narrative and I am afraid leading people like Mr.Chidambaram and our former PM added to this.' pic.twitter.com/EeGqHjIpad
— ANI (@ANI) September 3, 2018
राजीव कुमार ने कहा कि विकास दर गिरने का सबसे बड़ा कारण बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्या का बढ़ना था. उन्होंने कहा कि जब एनडीए की सरकार आयी, तो एनपीए की राशि चार लाख करोड़ रुपये थी, जो साल 2017 के मध्य तक करीब 10.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एनपीए की पहचान के लिए जो प्रक्रिया निर्धारित की, उसके चलते बैंकों ने उद्योगों को कर्ज देना बंद कर दिया, जिसका विकास दर पर प्रतिकूल असर देखने को मिला.
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