23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने साधा निशाना : विकास दर में गिरावट के लिए रघुराम राजन की पॉलिसियां जिम्मेदार

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विकास दर में आयी गिरावट को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों को जिम्मेदार बताया है. सोमवार को स्पष्ट लहजे में कहा कि विकास दर की गिरावट में नोटबंदी की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास दर में आयी […]

नयी दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विकास दर में आयी गिरावट को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों को जिम्मेदार बताया है. सोमवार को स्पष्ट लहजे में कहा कि विकास दर की गिरावट में नोटबंदी की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास दर में आयी गिरावट के पीछे रघुराम राजन की ओर से गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को लेकर बनायी गयी नीतियां ज्यादा जिम्मेदार हैं, न कि नोटबंदी.

इसे भी पढ़ें : आर्थिक वृद्धि की दर में गिरावट, अर्थव्यवस्था में कमजोरी से बढ़ी चिंताएं

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि विकास दर में गिरावट की वजह नोटबंदी नहीं, बल्कि एनपीए समस्या रही. इसके लिए यूपीए सरकार और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी को लेकर उन लोगों ने कई तरह की बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने नोटबंदी पर झूठा आरोप लगाते हुए कहा है कि विकास दर नीचे होने की मुख्य वजह नोटबंदी है. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है.

राजीव कुमार ने कहा कि विकास दर गिरने का सबसे बड़ा कारण बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए की समस्या का बढ़ना था. उन्होंने कहा कि जब एनडीए की सरकार आयी, तो एनपीए की राशि चार लाख करोड़ रुपये थी, जो साल 2017 के मध्य तक करीब 10.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गयी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एनपीए की पहचान के लिए जो प्रक्रिया निर्धारित की, उसके चलते बैंकों ने उद्योगों को कर्ज देना बंद कर दिया, जिसका विकास दर पर प्रतिकूल असर देखने को मिला.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें