मुंबई : डिजिटल ट्रांजेक्शन की बढ़ती संख्या के साथ ही साल में बढ़ी साइबर धोखाधड़ियों से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में साइबर सुरक्षा को अपने एजेंडे में सबसे आगे रखा है. साइबर सुरक्षा को और चाकचौबंद बनाने के लिए वह कई स्तरों पर प्रयासरत है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आरबीआई के एजेंडे में साइबर जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा के स्तर को उन्नत बनाना है, ताकि बदलते रहने वाले इंटरनेट के विभिन्न तरह के जोखिमों से लगातार सुरक्षा बनी रहे.
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आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि संगठित साइबर अपराध और साइबर युद्ध के दौर में खतरों के बढ़ते दायरे को देखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस दिशा में काम कर रहा है, जो बदलते साइबर जोखिमों से लगातार सुरक्षा मुहैया करा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ऑडिट प्रबंधन एप्लीकेशन पोर्टल बनाया जा रहा है, जो साइबर सुरक्षा से जुड़ी निगरानी करता है. साथ ही, आरबीआई के भीतर एक सूचना प्रौद्योगिकी परीक्षण प्रकोष्ठ बनाया गया है, जो पूर्णतया स्वचालित तरीके से निगरानी करेगा और निगरानी प्रणाली को मजबूत बनायेगा.
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