इस्पात, बिजली और अंतरराष्ट्रीय कारोबार को विभाजित करेगी जेएसपीएल, जानिये क्या है कारण…?
नयी दिल्ली : नवीन जिंदल की अगुवाई वाली जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) करीब 42,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपने इस्पात, बिजली और वैश्विक कारोबार को तीन अलग इकाइयों में विभाजित करने की योजना बना रही है. कंपनी के सूत्रों ने बताया कि वित्तीय अंशधारकों तथा संभावित […]

नयी दिल्ली : नवीन जिंदल की अगुवाई वाली जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) करीब 42,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपने इस्पात, बिजली और वैश्विक कारोबार को तीन अलग इकाइयों में विभाजित करने की योजना बना रही है. कंपनी के सूत्रों ने बताया कि वित्तीय अंशधारकों तथा संभावित निवेशकों ने जेएसपीएल को तीन अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करने की सलाह दी है.
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जेएसपीएल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अपने घरेलू इस्पात, बिजली तथा अंतरराष्ट्रीय इस्पात कारोबार को अलग-अलग इकाइयों में बांटने पर विचार कर रही है. प्रवक्ता ने बताया कि हमारे अंशधारकों के विभिन्न वर्गों से सुझाव मिले हैं, जिन पर शुरुआती चरण का चर्चा की जा रही है. कंपनी पर मौजूदा कर्ज का ब्योरा देते हुए सूत्र ने कहा कि जेएसपीएल के घरेलू इस्पात कारोबार पर सबसे अधिक 20,500 करोड़ रुपये का कर्ज है.
घरेलू बिजली कारोबार पर 8,500 करोड़ रुपये और वैश्विक कारोबार पर 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. प्रस्तावित विभाजन को उचित ठहराते हुए सूत्र ने कहा कि कई निवेशक हैं, जिनका परिदृश्य क्षेत्र या गंतव्य के हिसाब से होता है. सूत्र ने कहा कि जेएसपीएल के ओमान के 20 लाख टन के इस्पात संयंत्र तथा अंतरराष्ट्रीय लौह अयस्क परिसंपत्तियों को एक वैश्विक कंपनी के तहत लाने का प्रस्ताव है.
कंपनी का इरादा इस वित्त वर्ष में ओमान संयंत्र की क्षमता बढ़ाकर 24 लाख टन करने का है. जेएसपीएल की स्वतंत्र बिजली उत्पादन क्षमता 3,400 मेगावॉट की है. इसे किसी अन्य इकाई के तहत भेजने का प्रस्ताव है. इस्पात तथा अंतरराष्ट्रीय कोयला परिसंपत्तियों को ऑस्ट्रेलिया और मोजांबिक की तरह इस्पात इकाई के तहत रखा जायेगा. जून में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जेएसपीएल का एकीकृत शुद्ध लाभ 110 करोड़ रुपये रहा था.
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