नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि रुपये में निर्बाध गिरावट जारी नहीं रहेगी क्योंकि केंद्रीय बैंक महंगाई दर को काबू में रखने के लिये उपयुक्त रूप से ब्याज दर बढ़ा रहा है. वैश्विक व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका के चलते अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 72 से ऊपर निकलते हुए 72.45 के स्तर पर पहुंच गया. टेलीविजन चैनल सीएनबीसी टीवी 18 से बातचीत में कहा कि आरबीआई के लिये यह महत्वपूर्ण है कि वह लगातार यह संकेत दे रहा कि वह मुद्रास्फीति को काबू में रखेगा.
उन्होंने इससे निवेशकों को एक भरोसा मिलता है कि रुपये में निर्बाध गिरावट नहीं होगी क्योंकि अंतत: महंगाई दर काबू में होगी. रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिये एनआरआई बांड के सुझाव के बारे में राजन ने कहा कि यह एक हथियार है जो आपके शस्त्रागार में है. आरबीआई ने हाल में मुद्रास्फीति संबंधी चिंता को लेकर नीतिगत दर में दो बार वृद्धि की है.
इस बीच, राजन ने फंसे कर्ज के बारे में कहा है कि मुख्य रूप से बैंक अधिकारियों के अधिक आशावान होना और वृद्धि में नरमी इसका कारण है. आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को दिये नोट में उन्होंने कहा, ‘कोयला खदानों का संदिग्ध आबंटन के साथ जांच की आशंका जैसे राजकाज से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण संप्रग सरकार तथा उसके बाद राजग सरकारों दोनों में सरकारी निर्णय में देरी हुई.’ राजन ने कहा कि इससे परियोजना की लागत बढ़ी और वे अटकने लगी. इससे कर्ज का अदायगी में समस्या हुई.
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