नयी दिल्ली : बदलते मौसम में गले की खिचखिच और सर्दी जुकाम से परेशान होने वालों के लिए एक खुशखबरी है और वह यह कि बाजार में पलभर में सर्दी-जुकाम को छू-मंतर कर देने वाली दवा विक्स एक्शन 500 की बाजार में बिक्री पहले ही की तरह जारी रहेगी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से अभी इसी महीने के सात तारीख को 328 एफडीसी (फिक्स्ड डोज कांबिनेशन यानी निश्चित खुराक संयोजन) के उत्पादन, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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विक्स एक्शन 500 की विनिर्माता कंपनी प्रोक्टर एंड गैंबल इंडिया के प्रवक्ता ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि मंत्रालय की ओर से बीते 7 सितंबर को जिन 328 एफडीसी (फिक्स्ड डोज कांबिनेशन यानी निश्चित खुराक संयोजन) के उत्पादन, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें विक्स एक्शन 500 को शामिल नहीं किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि मीडिया में गलती से उनके उत्पाद पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाये जाने की खबर प्रसारित कर दिया है. उनका कहना है कि कंपनी की ओर से बाजार में पहले ही की तरह विक्स एक्शन 500 की बिक्री, उत्पादन और वितरण जारी रहेगा.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जिन दवाओं की बिक्री, वितरण और उत्पादन पर रोक लगायी है, उनमें असिक्लोफेनाक, पैरासिटामोल, पैरासिटामोल इंजेक्शन, पैरासिटामोल सस्पेंशन, राबेप्राजोल, निमेसुलाइड, डाइक्लोफेनाक, सिट्रीजन, कैफीन, टीजानिडिन, ट्रामडोल, क्लोरोजॉक्सजोन, डोमपेरिडोन, फेमोटिडीन, नेप्रोक्सेन, सेरासिओपेप्टिडेज, पिटोफेनोन, फेनपीवेरिनियम, बेंजाइल अल्कोहल, ओमेप्राजोल, टाम्सुलोसिन, फिनाइलएफ्रिन, क्लोरफेनिरामिन, क्लोरफेनिरामिन मेलिएट, डेक्सट्रोमेथोफेन, जिंक कार्नोसिन, मैग्निसियम ट्राईसिलिकेट, स्यूडोएफ्रेडिन, सिट्रीजीन, फिनाइलब्यूटाजोन, सोडियम सिलिसिलेट, लोरनेक्सीकेम, ट्रिप्सिन, मेफेनामिक एसिड, रेनिटिडिन, डाईसाइक्लोमिन, हिपेरिन, डाइक्लोफेनाक, ग्लुकोसामिन, मेथाइल सल्फोनाइल मीथेन, बिटामिन डी 3, मैंगनीज, बोरॉन, कॉपर, जिंक, टपेंटाडोल, ट्रानएक्सामिक एसिड, प्रोएंथोसायनीडीन, ट्रामाडोल, मैग्नेसियम ट्राइसिलिकेट, अमोनियम क्लोराइड, सोडियम सिट्रेट, मेंथॉल, असिक्लोफेनाक, फेमोटिडीन, जिंक कार्नोसिन, डाईसोडियम हाइड्रोजन सिट्रेट, डीएल मेथिओनिन, कोडीन फॉस्फेट, असिक्लोफेनाक एसआर, एजिथ्रोमाइसिन, सिफिक्सिम, अमोक्सोसिलिन, डाइक्लोक्सासिलिन, लिवोफ्लोक्सासिन, सफिक्सिम, लिनेजोलिड, पोटैशियम क्लैवूलेनिक एसिड, नीटाजोक्सानाइड, सेफ्पोडॉक्साइम प्रोक्सेटिल, सेक्रिडाजोल और फ्लुकानोजोल का कॉम्बीकिट, ऑर्निडाजोल, अल्फाटोकोफोरोल एसीटेट आदि प्रमुख दवाएं शामिल हैं.
गौरतलब है कि देश के मीडिया में बीते दिनों यह खबर प्रकाशित की गयी थीं कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से मानव उपयोग के उद्देश्य से 328 एफडीसी (फिक्स्ड डोज कांबिनेशन यानी निश्चित खुराक संयोजन) के उत्पादन, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय की ओर से जिन दवाओं पर रोक लगायी गयी है, उनमें सेरिडॉन, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, जिंटाप, डिकोल्ड और कई तरह के एंटीबायॉटिक्स, दर्द निवारक दवाएं, मधुमेह और हृदय रोगियों की दवाएं शामिल हैं.
मीडिया के इन खबरों में बताया यह भी गया था कि इस तरह की अभी और भी कई ऐसी दवाओं पर सरकार रोक लगाने की तैयारी में जुटी हुई है, जो बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं. कयास लगाया जा रहा है कि सरकार इस प्रकार की करीब पांच सौ और दवाओं की बिक्री, वितरण और उत्पादन पर रोक लगा सकती है. इसी खबर में इस बात का भी जिक्र किया गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ 6 एफडीसी के उत्पादन, बिक्री या वितरण पर रोक लगा दी है. आशंका जाहिर की जा रही है कि सरकार के इस कदम से देश में करीब 1.18 लाख करोड़ के दवा उद्योग को करीब 1,500 करोड़ की चपत लगेगी.
हालांकि, इससे पहले केंद्र सरकार ने 2016 के मार्च में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत मानव उपयोग के उद्देश्य से 344 एफडीसी के उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद सरकार ने समान प्रावधानों के तहत 344 एफडीसी के अलावा पांच और एफडीसी पर प्रतिबंध लगाया था.