नयी दिल्ली : सरकार अमेरिका से आयात किये जाने वाले बादाम, अखरोट और दाल-दलहन सहित करीब 29 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की समयसीमा को सरकार एक बार फिर आगे खिसका सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह कहा. सरकार ने जून में अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठाते हुए चार अगस्त से आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था, लेकिन बाद में शुल्क बढ़ाने की समयसीमा को 45 दिन और बढ़ाकर 18 सितंबर कर दिया गया.
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सरकारी अधिकारी ने कहा कि हम अभी भी अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं. समयसीमा को आज रात आगे बढ़ा दिया जायेगा. भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का फैसला 9 मार्च के ट्रंप प्रशासन के उस फैसले के जवाब में किया गया था, जिसमें अमेरिका ने आयातित इस्पात और एल्यूमीनियम पर भारी आयात शुल्क लगा दिया था. ट्रंप प्रशासन के इस कदम से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गयी.
भारत और अमेरिका के वरिष्ट अधिकारी एक प्रकार के व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. दोनों पक्ष दो तरह की बातचीत कर रहे हैं. अल्पकाल एवं मध्यम काल में व्यापार बढ़ाने और दूसरा दीर्घकालिक व्यापार संभावनाओं की पहचान करने के बारे में है. भारत चाहता है कि अमेरिका द्वारा लगाये गये ऊंचे शुल्क से उसे राहत दी जाये. भारत कुछ इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर बढ़े शुल्क से छूट चाहता है.
इसके साथ ही, वह कुछ घरेलू उत्पादों पर अमेरिका में तरजीही सामान्यकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत निर्यात बहाल करने की भी मांग कर रहा है. कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो कलपुर्जों और इंजीनियरिंग क्षेत्र के उत्पादों पर भी भारत और अमेरिकी बाजार में बेहतर बाजार पहुंच चाहता है. अमेरिका में जीएसपी प्रणाली की शुरुआत 1976 में हुई थी. इसके तहत रसायन, इंजीनियरिंग क्षेत्रों सहित 3,500 के करीब भारतीय उत्पादों को शुल्क मुक्त पहुंच का लाभ मिला हुआ है.
दूसरी तरफ अमेरिका भारत में अपने कृषि, चिकित्सा उपकरणों और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार पहुंच चाहता है. इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर भारत ने अमेरिका को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भी चुनौती दी है. भारत हर साल अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों का निर्यात करता है. वर्ष 2016-17 में अमेरिका को भारत से 42.21 अरब डालर का निर्यात किया गया, जबकि 22.3 अरब डॉलर का आयात हुआ.
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