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वित्त मंत्री अरुण जेटली का निर्देश : बैंकों से धोखाधड़ी करने वालों और डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठायें बैंक

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा. सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ राजधानी में एक बैठक में उनके कामकाज की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 5:15 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा. सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ राजधानी में एक बैठक में उनके कामकाज की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में लिखा-पढ़ी के साथ संगठित ढंग से कारोबार का विस्तार होने से भारत को आठ फीसदी की दर से मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी.

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वित्त मंत्रालय द्वारा किये गये ट्वीट में कहा गया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों से कहा कि वह कर्ज देने का काम पूरी ईमानदारी से करें और बैंकों में दोबारा जो भरोसा किया गया है, उसे सही साबित करने के लिए धोखाधड़ी करने तथा जान बूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें. बैंकों को हर समय ऐसे संस्थान के रूप में दिखना चाहिए, जो कि पूरी ईमानदारी और सूझबूझ के साथ कर्ज का वितरण करते हैं.

वित्त मंत्री की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है, जब वैकल्पिक प्रणाली ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों (बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक) के विलय का फैसला किया है. यह निर्णय वैश्विक आकार के मजबूत और बड़े बैंक बनाने की दृष्टि से किया गया है. बैंकों ने, जहां तक उनके फंसे कर्ज की बात है, इसकी वसूली के लिए प्रयास तेज किये हैं.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने पुराने फंसे कर्ज में से 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की है. पिछले साल की इसी तिमाही में की गयी वसूली के मुकाबले यह राशि 49 फीसदी अधिक है. पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपये की वसूली की है. मंत्रालय के एक अन्य ट्वीट के मुताबिक, जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न वाणिज्यिक गतिविधियों के औपचारिक तंत्र के तहत आने और बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेश होने से देश में खरीद क्षमता बढ़ी है. इससे भारत की वृद्धि गति तेज होगी.

मंत्रालय के ट्वीट में वित्त मंत्री के हवाले से कहा गया है कि इससे देश को आठ फीसदी के आसपास आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी. जेटली वित्त मंत्री होने के साथ ही कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता (आईबीसी), वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी), नोटबंदी और डिजिटल भुगतान जैसे कदमों के जरिये अर्थव्यवस्था को औपचारिक तंत्र में लाने से वित्तीय क्षमता और जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिली है.

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