किसानों का जीवन-स्तर बेहतर करने के लिए 180 करोड़ रुपये का निवेश करेगा Walmart
लखनऊ : रिटेल क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वालमार्ट भारत के किसानों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास के तहत अगले पांच साल में 180 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वालमार्ट इंटरनेशनल की मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) जुडिथ मैक्केना ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ से सटे कासिमपुर गांव में स्थानीय किसानों के साथ बैठक के दौरान […]
लखनऊ : रिटेल क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वालमार्ट भारत के किसानों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास के तहत अगले पांच साल में 180 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वालमार्ट इंटरनेशनल की मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) जुडिथ मैक्केना ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ से सटे कासिमपुर गांव में स्थानीय किसानों के साथ बैठक के दौरान कहा कि वालमार्ट फाउंडेशन अगले पांच वर्षों के दौरान किसानों का जीवन-स्तर सुधारने के लिए 180 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
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इस मौके पर मैक्केना के साथ वालमार्ट इंडिया के सीईओ कृष अय्यर, मुख्य कॉरपोरेट अफेयर्स अधिकारी रजनीश कुमार और फ्लिपकार्ट ग्रुप के सीईओ बिन्नी बंसल भी मौजूद थे. वालमार्ट के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके उनसे कंपनी द्वारा प्रदेश में किये जा रहे निवेश संबंधी विभिन्न मामलों के बारे में विचार-विमर्श किया.
मैक्केना ने गुरुवार को कहा कि वालमार्ट इंडिया अपने ‘कैश एंड कैरी‘ स्टोर्स के लिए किसानों से उनकी उपज की प्रत्यक्ष खरीद को 25 फीसदी तक बढ़ायेगी, ताकि काश्तकारों की आय बढ़े और बिचौलियों की भूमिका कम हो सके. साथ ही, इससे किसानों की बाजार तक पहुंच बनाने में तेजी आयेगी और उनकी परिवहन लागत में कटौती होगी.
उन्होंने कहा कि वालमार्ट अपने बिकी केंद्रों की मौजूदगी वाले हर राज्य में स्थानीय किसान उत्पादक संगठनों से उपज खरीदने की योजना बना रही है. देश में लघु किसानों के भले के प्रति अपना संकल्प जाहिर करते हुए वालमार्ट सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनी देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को और बेहतर करने तथा अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने की केंद्र सरकार की कोशिशों में साझीदार बनना चाहती है.
वालमार्ट इंडिया के सीईओ कृष अय्यर ने कहा कि किसानों के जीवन-स्तर को सुधारने और उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए संपूर्ण कृषि आपूर्ति शृंखला को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि एक मजबूत आपूर्ति शृंखला बाजार से जुड़ाव और साजो-सामान संबंधी सहयोग उपलब्ध कराती है. साथ ही, किसानों को उपज का सही दाम दिलाने और पैदावार के खराब होने के सिलसिले को कम करने में मदद करती है.
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