जीएसटी परिषद की 30वीं बैठक में राजस्व कमी पर चर्चा, आपदा कर पर मंत्री समूह बनाने का फैसला
नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को केरल जैसी प्राकृतिक आपदा में राहत कार्यों के लिए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर नया शुल्क लगाने की वैधता की जांच परख के लिए सात सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया है. जीएसटी परिषद, जीएसटी से जुड़े मामलों […]
नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को केरल जैसी प्राकृतिक आपदा में राहत कार्यों के लिए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर नया शुल्क लगाने की वैधता की जांच परख के लिए सात सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया है.
जीएसटी परिषद, जीएसटी से जुड़े मामलों में निर्णय लेनेवाला शीर्ष निकाय है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षतावाली जीएसटी परिषद ने बैठक में पिछले साल से लागू हुई नयी कर व्यवस्था के तहत अधिकांश राज्यों के कर संग्रह में आयी गिरावट के मुद्दे पर भी चर्चा की. जेटली ने जीएसटी परिषद की 30वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि केरल की राज्य के भीतर वस्तु एवं सेवाओं पर ऊंची दर से कर लगाने की मांग के मुद्दे पर परिषद ने विचार किया और मुद्दे को सात सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) के पास भेजने का फैसला किया है. केरल की मांग है कि राज्य में हाल में आयी भयंकर बाढ़ से हुए नुकसान से उबरने के लिए उसे राज्य में जीएसटी के तहत कुछ ऊंची दर से कर लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
जीएसटी परिषद ने जिस मंत्री समूह को बनाने का फैसला किया है वह पांच मुद्दों पर विचार करेगा. इन मुद्दों में शुल्क केवल केरल में लगाया जाना चाहिए या फिर पूरे देश में लगाया जा सकता है. यह शुल्क क्या कुछ खास लग्जरी सामान अथवा भोग विलासवाली वस्तुओं तक सीमित रहना चाहिए जैसे मुद्दों को तय करेगा. साथ ही मंत्रियों का समूह इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ)/राज्य आपदा मोचन कोष तंत्र आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त है. इस पर भी विचार करेगा कि ‘आपदा कर’ किन परिस्थितियों में लगाया जा सकता है.
केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि जीएसटी कानून के तहत राज्यों में उनकी खास स्थिति में परिषद अस्थायी समय के लिए कर लगा सकती है. उन्होंने कहा, मंत्रियों का समूह इस पर विचार करेगा. बैठक में कुछ वस्तुओं पर अतिरिक्त एक प्रतिशत कर लगाने पर विचार-विमर्श किया गया है. राज्यों की राजस्व स्थिति पर जेटली ने कहा कि जीएसटी में राज्यों के कर संग्रह में जुलाई, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त में यह गिरकर 13 प्रतिशत रह गयी. मिजोरम, अरुणाचल, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और आंध्र के राजस्व में वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि 25 राज्यों के राजस्व में गिरावट रही. केंद्र ने 2017-18 में राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में 41,147 करोड़ रुपये जारी किये. सरकार द्वारा 13 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह का बजट लक्ष्य पर जेटली ने कहा, वर्तमान में हम साल के मध्य में हैं. त्योहार पास आ रहे हैं. हम कोशिश करेंगे और लक्ष्य के करीब आयेंगे.
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