नयी दिल्ली : भारत पुराने रेशम मार्ग की तर्ज पर उज्बेकिस्तान को नये सिलिकॉन मार्ग का हिस्सा बनाना चाहता है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को यह बात कही. प्रभु ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उज्बेकिस्तान एक समय प्राचीन रेशम मार्ग का हिस्सा था. यह रास्ता एशिया से यूरोप को जोड़ता है.
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उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान नयी एवं उन्नत तकनीक के विकास को बढ़ावा देने में सहयोग कर सकते हुए नये सिलिकॉन मार्ग का विकास कर सकते हैं. दोनों देशों को सेवा क्षेत्र में भी सहयोग मजबूत करने की जरूरत है. प्रभु ने भारत-उज्बेकिस्तान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा बनाने के लिए इस क्षेत्र के विभिन्न देशों के साथ काम कर रहा है.
प्रभु ने कहा कि यह गलियारा भारत और मध्य एशिया के बीच परिवहन लागत कम करने में अहम साबित होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि कौशल विकास, चिकित्सकीय उपचार, खाद्य प्रसंस्करण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जा सकता है.
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