एक्सपर्ट राय : चीन के खिलाफ दीवार खड़ी कर सकता है अमेरिका का व्यापारिक समझौता
बीजिंग : मैक्सिको और कनाडा के बाद भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन, जापान और यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापारिक करार करने की उम्मीद रखते हों, लेकिन विशेषज्ञों की राय ठीक से विपरीत नजर आता है. हांगकांग के एक अखबार में कहा गया है कि अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा व्यापार समझौता (यूएसएमसीए) चीन के लिए एक […]
बीजिंग : मैक्सिको और कनाडा के बाद भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन, जापान और यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापारिक करार करने की उम्मीद रखते हों, लेकिन विशेषज्ञों की राय ठीक से विपरीत नजर आता है. हांगकांग के एक अखबार में कहा गया है कि अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा व्यापार समझौता (यूएसएमसीए) चीन के लिए एक बड़ी बाधा बन सकता है.
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इसका कारण यह है कि इसमें अमेरिका को ऐसा निषेधात्मक अधिकार मिला है, जिसके तहत वह दोनों भागीदारों को किसी ऐसे देश के साथ इसी तरह का समझौता करने से रोक सकता है, जो बाजार निर्देशित अर्थव्यवस्था नहीं है. चीन को अभी बाजारवादी अर्थव्यवस्था का दर्जा नहीं मिला है.
विशेषज्ञों को लगता है कि अमेरिका ने अपने उत्तर और दक्षिण के पड़ोसियों से जो नया समझौता किया है, वह चीन के खिलाफ एक बड़े आर्थिक-व्यापारिक गठबंधन की शुरुआती कड़ी साबित हो सकता है. अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद इन दोनों देशों के साथ 24 साल पहले हुए उत्तर अमेरिका मुक्त व्यापार संधि (नाफ्टा) को खत्म कर यह नया समझौता किया है.
अखबार साउथ चाइना मार्निग पोस्ट की बुधवार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इन तीन में से किसी एक ने किसी गैर-बाजारवादी देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया, तो बाकी के दोनों देश के साथ यूएसएमसीए को छह महीने के नोटिस पर खत्म कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्सिको या कनाडा के साथ चीन के संभावित मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा और उसमें बाधा खड़ी करने और प्रकारांतर में उसका निषेध करने के इस अधिकार का इस्तेमाल कर अमेरिका चीन की वस्तुओं को अपने बाजार में प्रवेश से रोकने के परोक्ष मार्गों को रोक सकता है.
चीन 2001 में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का सदस्य बना, लेकिन उसे अभी बाजार-अर्थव्यवस्था का दर्जा नहीं मिला है. बाजार अर्थव्यस्था होने पर उसके खिलाफ डंपिग रोधी शुल्क बहुत कम हो जायेगा, क्योंकि उस स्थिति में उसके सामानों की दर की तुलना तीसरे देश से किये जाने की शर्त से छूट मिल जायेगी. वहीं, चीन का तर्क है कि वह 15 साल से डब्ल्यूटीओ की शर्तों का पालन कर रहा है. इसलिए वह बाजार अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने का पात्र है.
अमेरिका और यूरोपीय संघ उसको यह दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं. डब्यूटीओ के नियमों के तहत इस तकनीकी फर्क के खत्म होने के बाद चीन के खिलाफ व्यापारिक कार्रवाई करने का उनका अधिकार सीमित हो जायेगा. कनाडा के लिए चीन सबसे बड़ा व्यारिक भागीदार है. दोनों 2016 से मुक्त व्यापार वार्ता कर रहे हैं.
रिपोर्ट में सोल (दक्षिण कोरिया) के सोगांग विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्राध्यापक सॉन्ग एयूई-युग ने कहा कि यूएसएमसीए में निषेधात्मक उपबंध इस बात का संकेत है कि अमेरिका चीन के खिलाफ आर्थिक गठबंधन खड़ा करना चाहता है. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने इस समय चीन से व्यापार युद्ध छेड़ रखा है. उन्होंने रणनीति बदलते हुए अमेरिका के दूसरे प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ झगड़ा छोड कर चीन के खिलाफ यूरोप, जापान और कनाडा का एक बड़ा व्यापार गठबंधन बनाना शुरू किया है.
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