Aadhaar को मोबाइल सिम, बैंक खाता और ई-वॉलेट से DeLink करने का तरीका यहां जानें
आधार की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद अबनिजी कंपनियों के लिए आधार जरूरी नहीं रह गया है. सुप्रीम कोर्टकेमुताबिक, बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, डिजिटल मोबाइल वॉलेट, प्राइवेट सेक्टर, स्कूल एडमिशन, नीट, सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी. वहीं, आईटी रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए […]
आधार की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद अबनिजी कंपनियों के लिए आधार जरूरी नहीं रह गया है.
सुप्रीम कोर्टकेमुताबिक, बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, डिजिटल मोबाइल वॉलेट, प्राइवेट सेक्टर, स्कूल एडमिशन, नीट, सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी. वहीं, आईटी रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए आधार की जरूरत होगी.
अगर आपने ऐसी कंपनियों की सेवा लेने के लिए अब तक अपना आधार लिंक रजिस्टर नहीं कराया है तब तो ठीक है, लेकिन अगर आप पहले ही आधार दे चुके हैं, तो उसे डी-लिंक करानेका तरीका हम आपको बताते हैं.
बैंक अकाउंट की बात करें, तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंकों नेआधार को वैकल्पिक कर दिया है. बैंकों का कहना है कि अदालती फैसले के बाद आधार नंबर के जरिये केवाईसी बंद नहीं की गयी है, लेकिन लोग आधार या किसी अन्य पहचानपत्र के जरिये ऐसा कर सकते हैं. ज्यादातर बैंकों ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है कि आधार और ओटीपी के जरिये केवाईसी प्रक्रिया को वैकल्पिक बना दिया गया है. आगे की प्रक्रिया के लिए आधार जारी करनेवाली एजेंसी यूआईडीएआई, सरकार और बैंकिंग नियामकमंथन कर रहे हैं.
मोबाइल फोन कनेक्शन से आधार कार्ड को डीलिंक कराने पर आनेवाले दिनों में आपको फिर से KYC कराना पड़ सकता है. इसमें आपको फिर से एड्रेस प्रूफ या आईडी प्रूफ अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के पास जमा कराना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि UIDAI ने टेलीकॉम कंपनियों से प्लान मांगा है, जिससे आधार कार्ड बेस्ड eKYC बंद किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, जो कस्टमर आधार को डीलिंक कराना चाहेंगे उन्हें कोई और प्रूफ जमा कराना होगा. इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बैंक पासबुक, बिजली बिल आदि मान्य होंगे.
डिजिटल वॉलेट कंपनियाें की बात करें, तो इस क्षेत्र की बड़ी कंपनियों – पेटीएम और फोन पे ने अपने यूजर्स को अब तक आधार डी-लिंक कराने का ऑप्शन नहीं दिया है. लेकिन उम्मीद है कि कानूनी पचड़े से बचने के लिए ये कंपनियां आधार डी-लिंक कराने का ऑप्शन यूजर्स को दे सकती हैं. फिर भी अगर आप अपना आधार डी-लिंक करानाचाहते हैं, तो संबंधित कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन कर ज्यादा जानकारी ले सकते हैं.
इसके अलावा, किसी अन्य संस्था से अगर यूजर अपने आधार बायोमीट्रिक की जानकारी डी-लिंक करना चाहता है तो उसके लिए संबंधित संस्था को एक एप्लीकेशन लिखना होगा. यह ध्यान रहे कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में कुछ दिनों का समय लग सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.