Petrel-diesel के दाम घटने से दूसरी छमाही में महंगाई से मिलेगी राहत, रिजर्व बैंक का अनुमान

मुंबई : रिजर्व बैंक ने शु्क्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 3.9 से 4.5 फीसदी कर दिया. मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में असामान्य रूप से नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को घटाया है. केंद्रीय बैंक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2018 4:51 PM

मुंबई : रिजर्व बैंक ने शु्क्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 3.9 से 4.5 फीसदी कर दिया. मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में असामान्य रूप से नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को घटाया है. केंद्रीय बैंक ने चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति में कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति नरम बनी हुई है. इसे देखते हुए इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई दर वृद्धि अनुमान को कम किया गया है. शीर्ष बैंक ने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से भी खुदरा महंगाई दर नरम होगी.

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उसने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में महंगाई दर 4 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में 3.9 से 4.5 फीसदी तथा 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके ऊपर जाने का कुछ जोखिम है. रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो दर 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है.

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई चार फीसदी रखने का लक्ष्य

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का निर्णय नीतिगत रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ की जगह ‘सधे ढंग से सख्त करने’ के अनुरूप है. इसका मकसद वृद्धि को समर्थन देते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दो फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी रखने के लक्ष्य को हासिल करना है.

सीपीआई आधारित महंगाई में आयेगी गिरावट

एमपीसी ने मध्यम अवधि में सकल मुद्रास्फीति 4 फीसदी पर रखने की प्रतिबद्धता दोहरायी है. अगर आवास किराया भत्ता (एचआरए) को ध्यान में नहीं रखा जाता है, आरबीआई का अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर और नीचे आयेगी. आरबीआई के अनुसार, अगर एचआरए प्रभाव को हटा दिया जाये, तो सीपीआई मुद्रास्फीति 2018-19 की दूसरी तिमाही में 3.7 फीसदी तथा दूसरी छमाही में 3.8 से 4.5 फीसदी तथा 2019-20 की पहली तिमाही में 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है.

पेट्रोलियम पदार्थ पर उत्पाद शुल्क घटाने से खुदरा महंगाई रहेगी नरम

शीर्ष बैंक ने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से भी खुदरा महंगाई दर नरम होगी. आरबीआई के अनुसार, हालांकि वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव का मुद्रास्फीति परिदृश्य पर नकारात्मक प्रभाव जारी है. बिजली के दाम बढ़ने के साथ कच्चे माल की लागत में तीव्र वृद्धि से वस्तुओं एवं सेवाओं के खुदरा मूल्य का भार आगे बढ़ाने का जोखिम है.

कुछ महीनों तक महंगाई की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति परिदृश्य पर अगले कुछ महीनों में नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि इसके ऊपर जाने को लेकर कई जोखिम बने हुए हैं. पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.

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