वाशिंगटन : विश्व बैंक का मानना है कि रुपये में सुव्यवस्थित तरीके से किये जाने वाले अवमूल्यन से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और पूंजी बाजार में दबाव कम हो सकेगा. विश्व बैंक के अर्थशास्त्री मार्टिन रामा ने कहा कि यदि इसे सही तरीके से किया जाये, तो यह एक ‘सकारात्मक घटनाक्रम’ होगा. विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के मुख्य अर्थशास्त्री रामा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब गुरुवार को कारोबार के दौरान मुद्रा बाजार में रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 74.45 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया.
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विश्व बैंक के अर्थशास्त्री रामा का मानना है कि रुपये में सुव्यवस्थित अवमूल्यन से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे पूंजी बाजार में दबाव कुछ कम हो सकेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्व बैंक रुपये में कमजोरी को एक सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखता है, बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाये. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के देश संभवत: अपनी मुद्रा के अवमूल्यन को धीमा करेंगे, क्योंकि इससे मुद्रास्फीति बढ़ती है और यह लोकप्रिय उपाय नहीं है.
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