मुंबई : रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने मंगलवार को बैठक कर बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित कर रहे मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार भी शामिल हुए.
ऐसा माना जा रहा है कि 18 सदस्यीय निदेशक मंडल ने त्वरित सुधारात्मक कारवाई (पीसीए) की रूपरेखा पर चर्चा की. 11 सरकारी बैंकों को इसमें रखा गया है. बैठक में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के समक्ष उपस्थित नकदी संकट पर भी चर्चा हुई. परियोजनाओं को वित्तपोषण उपलब्ध करानेवाले आईएल एंड एफएस समूह में उपजे संकट के मद्देनजर यह मुद्दा काफी अहम हो गया. समूह को एक अक्तूबर को सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया. रिजर्व बैंक के एक सूत्र ने कहा कि बैठक में चारों डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन, विरल आचार्य, बीपी कानुनगो और महेश कुमार जैन भी उपस्थित थे.
उसने कहा कि अगस्त में निदेशक मंडल में शामिल किये दोनों नये सदस्य एस गुरुमूर्ति और एसके मराठे भी इसमें उपस्थित रहे. सूत्र ने बताया कि रिजर्व बैंक का निदेशक मंडल नवंबर के पहले सप्ताह में पुन: बैठक कर सकता है.
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