टैक्स चोरों पर नकेल कसने की सरकार कर रही तैयारी, आईटी विभाग को एलर्ट करेगा यह सॉफ्टवेयर

नयी दिल्ली : इनकम टैक्स रिटर्न और जीएसटी की चोरी करने वाले या इसे भरने में ना-नुकूर करने वाले सावधान हो जायें. देश भर के टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए सरकार पूरी जोरशोर से तैयारी करने में जुट गयी है. मीडिया में आ रही खबरों में इस बात की चर्चा की जा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2018 4:55 PM

नयी दिल्ली : इनकम टैक्स रिटर्न और जीएसटी की चोरी करने वाले या इसे भरने में ना-नुकूर करने वाले सावधान हो जायें. देश भर के टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए सरकार पूरी जोरशोर से तैयारी करने में जुट गयी है. मीडिया में आ रही खबरों में इस बात की चर्चा की जा रही है कि टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार इनकम टैक्स और जीएसटी रिटर्न का मिलान करने की तैयारी में है.

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मीडिया की खबरों में कहा गया है कि टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए सरकार की ओर से एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न और जीएसटी का मिलान किया जायेगा. इस सॉफ्टवेयर की विशेषता यह है कि इसके जरिये रिटर्न का मिलान नहीं होने पर सिस्टम आयकर विभाग को खुद-ब-खुद सचेत कर देगा. हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि इस खास तरह के सॉफ्टवेयर के विकसित नहीं होने तक कुछ चुनिंदा मामलों में सरकार और आयकर विभाग की ओर से निगरानी की जा रही है.

खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि शुरुआती दौर में आयकर विभाग और सरकार की ओर से कुछ बड़े मामलों पर ही नजर रखी जायेगी. बाद में ई-वे बिल आदि को भी इसके साथ जोड़ा जायेगा. टैक्स विशेषज्ञों की मानें, तो आयकरदाताओं की ओर से फॉर्म-16 में किये गये निवेश की जानकारी दी जाती है.

ऐसे में यदि किसी आयकरदाता का टीडीएस का मिलान नहीं हो पाता है, तो इनकम टैक्स विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेज सकता है. इसके साथ ही, जरूरत पड़ी, तो इनकम टैक्स विभाग संबंधित व्यक्ति से उपयुक्त कागजातों को भी मांग सकता है.

इसी तरह, जीएसटी में होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए भी सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है. टैक्स विशेषज्ञों की मानें, तो जीएसटी में टैक्स की चोरी दो तरह से की जाती है. कई लोग फर्जी बिलों के जरिये इनपुट क्रेडिट ले लेते हैं.

इसके साथ ही, कई लोग अपने कारोबार को कम करके बता देते हैं और फिर टैक्स की चोरी कर लेते हैं. इस यही अर्थ लगाया जा सकता है कि उत्पादों की खरीद-बिक्री बिना किसी बिल के ही की जा रही है. सरकार की ओर से इस तरह के गोरखधंधे के जरिये टैक्स की चोरी पर लगाम लगाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं.

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