आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर पर

नयी दिल्ली : कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट के चलते आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.3 फीसदी रह गयी. यह चार महीने का न्यूनतम स्तर है. इससे पहले मई, 2018 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.1 फीसदी रही थी, जबकि एक साल पहले इसी माह में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2018 10:19 PM

नयी दिल्ली : कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट के चलते आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.3 फीसदी रह गयी. यह चार महीने का न्यूनतम स्तर है. इससे पहले मई, 2018 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.1 फीसदी रही थी, जबकि एक साल पहले इसी माह में इन उद्योगों की वृद्धि 4.7 फीसदी रही थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन क्रमश: 4.2 फीसदी और 1.8 फीसदी घटा है.

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सितंबर महीने में उवर्रक, सीमेंट और बिजली उत्पादन में क्रमश: 2.5 फीसदी, 11.8 फीसदी और 8.2 फीसदी की वृद्धि हुई. बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली उत्पादन को रखा गया है. हालांकि, कोयला, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात क्षेत्रों की वृद्धि दर घटकर क्रमश: 6.4 फीसदी, 2.5 फीसदी और 3.2 फीसदी रह गयी.

अप्रैल-सितंबर 2018 की छह माह की अवधि के दौरान आठ प्रमुख उद्योगों की औसत वृद्धि दर बढ़कर 5.5 फीसदी हो गयी. एक साल पहले की इस अवधि में यह आंकड़ा 3.2 फीसदी था. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में इन आठ क्षेत्रों का हिस्सा 40.27 फीसदी है. इन आंकड़ों पर उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि प्रमुख उद्योगों के प्रदर्शन में सुस्ती से औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ेगा. उसने कहा कि रुपये में गिरावट और आयात शुल्क अधिक होना आईआईपी में गिरावट का कारण हो सकती है. इससे उत्पादन लागत पर असर पड़ेगा और उत्पादन में कमी आयेगी.

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