सिंगापुर : डिजिटाइजेशन और भूमंडलीकरण के इस युग में माइक्रोसॉफ्ट में इस बात का दावा करते हुए खुलासा किया है कि भारत में करीब 91 फीसदी नये कंप्यूटर चोरी (पायरेटेड) के सॉफ्टवेयर के बूते चलाये जा रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, उसकी तरफ से भारत से खरीदे गये नये पर्सनल कंप्यूटरों में 90 फीसदी से अधिक में पायरेटेड (चोरी के) सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का स्तर काफी ऊंचा था.
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कंपनी के एक विश्लेषण में भारत सहित नौ एशियाई देशों में निजी कंप्यूटर में इंस्टॉल कई सॉफ्टवेयर पायरेटेड पाये गये. माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल मई से जुलाई के बीच भारत सहित अन्य देशों से निजी कंप्यूटर खरीदे और उसके बाद उनका परीक्षण किया. परीक्षण से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि नौ देशों से खरीदे गये 83 फीसदी से अधिक कंप्यूटरों में पायरेटेड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है.
परीक्षण दिखाते हैं कि भारत से खरीदे गये 91 फीसदी नये कंप्यूटर में पायरेटेड सॉफ्टवेयर पाये गये. इसके बाद इंडोनेशिया (90 फीसदी), ताइवान (73 फीसदी), सिंगापुर (55 फीसदी) और फिलिपींस (43 फीसदी) का नंबर आता है. वहीं, सबसे बुरे आंकड़े दक्षिण कोरिया, मलेशिया, वियतनाम और थाईलैंड के रहे. इन देशों से खरीदे गये सौ फीसदी कंप्यूटरों में पायरेटेड सॉफ्टवेयर पाये गये.
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