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महंगाई पर काबू पाना सरकार की चुनौती

नयी दिल्ली:देश में बढ़ती महंगाई पर राजग सरकार के लिए एक नया संकट खड़ा होनेवाला है. इराक में तनाव से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत नौ महीने की ऊंचाई पर पहुंच गयी है. यह कच्चे तेल की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. नायमैक्स पर कच्चा तेल 107 डॉलर के पार पहुंच गया है. […]

नयी दिल्ली:देश में बढ़ती महंगाई पर राजग सरकार के लिए एक नया संकट खड़ा होनेवाला है. इराक में तनाव से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत नौ महीने की ऊंचाई पर पहुंच गयी है. यह कच्चे तेल की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. नायमैक्स पर कच्चा तेल 107 डॉलर के पार पहुंच गया है. वहीं, ब्रेंट क्रूड ऑयल 114 डॉलर पर कारोबार कर रहा है. घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर कच्चा तेल जून में 1.20 फीसदी की बढ़त के साथ 6366 रुपये प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है.

आशंका यह भी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होने से घरेलू बाजारों के दामों पर असर पड़ेगा. ऐसी स्थिति में सरकार के सामने महंगाई को कम करना एक बड़ी चुनौती होगी. तेल उत्पादक देशों में इराक ओपेक का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है. ओपेक पूरी दुनिया का 40 फीसदी तेल आपूर्ति करता है. ओपेक देशों का उत्पादन तीन करोड़ बैरल प्रति दिन है. इराक रोजाना 33 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है, जो पूरे विश्व के उत्पादन का 4 फीसदी है. वहीं, आनेवाले सालों में उत्पादन बढ़ा कर 50 लाख बैरल प्रति दिन करने की योजना है.

कच्चे तेल में तेजी से सेंसेक्स 348 अंक टूटा
इराक में अशांति से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने के बीच शुक्रवार को स्थानीय बाजार में निवेशकों की बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 348 अंक टूट गया. यह चार महीने में किसी एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट है. इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपया में गिरावट के रूख से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई. डॉलर की तुलना में रुपया 50 पैसे नीचे 59.78 प्रति डॅलर पर कारोबार कर रहा था. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार की शुरुआत में दिन के उच्च स्तर 25,688.31 अंक पर पहुंच गया था. हालांकि, दूसरे पहर बिकवाली दबाव से यह 348.04 अंक टूट कर 25,228.17 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 25,171.61 अंक के निचले स्तर पर आ गया था. इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 107.80 अंक नीचे 7,542.10 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, निफ्टी 7,525.35 अंक पर आ गया था. विदेशी पूंजी प्रवाह की गति धीमी होने से भी बाजार की धारणा पर कुछ हद तक असर पड़ा. अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को एफआइआइ ने 652.35 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे. ब्रोकरों ने कहा कि यह लगातार पांचवा मौका है जब 13 तारीख का शुक्रवार बाजार के लिए मनहूस साबित हुआ है. इससे पहले चार मौकों पर सेंसेक्स 19 से 238 अंक के बीच टूटा था.

एशियाई शेयर बाजारों में मिला-जुला रूख देखने को मिला. चीन, हांगकांग, जापान और सिंगापुर के शेयर सूचकांक 0.01 से 0.93 प्रतिशत के दायरे में मजबूत हुए, जबकि दक्षिण कोरिया और ताइवान के सूचकांक 0.09 से 1.03 प्रतिशत के दायरे में गिरावट के साथ बंद हुए. यूरोपीय बाजार शुरुआती कारोबार में नीचे चल रहे थे. बीएसइ सेंसेक्स में शामिल 30 में से 26 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जिसमें एक्सिस बैंक 4.48 प्रतिशत, हीरो मोटोकार्प 4.42 प्रतिशत, टाटा स्टील 4.40 प्रतिशत, एनटीपीसी 4.30 प्रतिशत, हिंडाल्को 3.94 प्रतिशत, गेल 3.57 प्रतिशत, एसबीआई 3.25 प्रतिशत और टाटा पावर 3.09 प्रतिशत टूट गया. इनके अलावा, मारुति सुजुकी 3.03 प्रतिशत, भेल 2.66 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 2.64 प्रतिशत, भारती एयरटेल 2.50 प्रतिशत, आइसीआइसीआइ बैंक 2.08 प्रतिशत, एलएंडटी 1.93 प्रतिशत, ओएनजीसी 1.45 प्रतिशत और आरआइएल 1.16 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ.

रुपये में बड़ी गिरावट
विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये में शुक्रवार को चार महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. इराक में अशांति से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका के कारण निवेशक जोखिम से बचते नजर आये. ऐसे वातावरण में रुपया 52 पैसे की भारी गिरावट के साथ 59.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. रुपया में लगातार तीसरे सप्ताह कुल मिला कर गिरावट में रहा है. 6 जून से इसमें 60 पैसे की गिरावट आ चुकी है. घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट ने भी रुपये की धारणा को प्रभावित किया.अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 59.31 रुपये प्रति डॉलर पर कमजोर खुला. कारोबार के दौरान 59.80 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़कने के बाद यह अंत में 52 पैसे अथवा 0.88 प्रतिशत की गिरावट प्रदर्शित करता 59.77 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह 24 जनवरी, 2014 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता है, जब इसमें 73 पैसे की गिरावट आयी थी.

पेट्रोल-डीजल के बढ़ सकते हैं दाम
सरकार अगर एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट स्वीकारती है, तो पेट्रोल-डीजल के दाम 75-75 पैसे लीटर बढ़ाये जायेंगे. समिति ने देश भर में 2020 तक कैंसर के लिए जिम्मेदार तत्व के उत्सर्जन को दूर कर ईंधन मानकों को उन्नत बनाने की सिफारिश की है. ‘वाहन ईंधन विजन और नीति 2025’ पर सैमित्र चौधरी समिति ने कहा है कि यूरो-5 मानक पेट्रोल और डीजल उत्पादित करने के लिए तेलशोधक कारखानों को उन्नत करना है. इसके लिए हमें 80,000 करोड़ रुपये निवेश की जरूरत होगी. इस लागत को पेट्रोल और डीजल पर 75 पैसे शुल्क लगा कर निकाला जा सकता है. समिति ने सुझाव दिया है कि 2017 तक देश भर में ईंधन को यूरो-4 मानकों तथा 2020 तक यूरो-5 मानक पूरे करने चाहिए. बीएस (भारत स्टैंडर्ड) 6 उत्सर्जन नियम अप्रैल 2024 से अमल में आने की संभावना है. फिलहाल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद तथा लखनऊ समेत 26 शहर यूरो-4 मानकों के वाले ईंधन का उपयोग कर रहे हैं, जिसे बीएस-4 मानकवाला ईंधन भी कहा जाता है. वहीं, अन्य भागों में बीएस-3 मानकों का ईंधन उपयोग हो रहा है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में बिकनेवाले पेट्रोल और डीजल पर 75 पैसा विशेष ईंधन उन्नयन शुल्क लगाया जाना चाहिए और यह उपकरण तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआइडीबी) को मिलना चाहिए.

संचयी ओआइडीबी उपकर का उपयोग रिफाइनरीज के आधुनिकीकरण तथा उन्नयन के वित्त पोषण में किया जाना चाहिए, ताकि वे यूरो-4 और यूरो-5 स्तर के ईंधन उत्पादित कर सके. बिक्री मात्र में हल्की वृद्धि के आधार पर सात साल ( 2014-15 से 2021-22 तक) में 64,000 करोड़ रुपये से अधिक संग्रह होने का अनुमान है. पेट्रोल के दाम जहां जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किये गये. वहीं, जनवरी 2013 में सरकार ने डीजल के दाम तब तक हर महीने 50 पैसे लीटर बढाने का निर्णय किया, जब तक उत्पादन लागत और खुदरा बिक्री मूल्य का अंतर समाप्त नहीं हो जाये. फिलहाल यह अंतर 2.80 रुपये प्रति लीटर है.

वैश्विक तेजी के बीच सोना चमका
वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच स्टाकिस्टों की लिवाली के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में एक फिर शुक्रवार को सोने में चमक लौटी. जहां इसके भाव 360 रुपये की तेजी के साथ 27600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गये. मुद्रा बाजार में रुपये में नरमी का असर भी बाजार धारणा पर पड़ा. वहीं, औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की मांग बढ़ने से चांदी के भाव 900 रुपये के उछाल के साथ 42100 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचे. बाजारों में सोना मजबूत होकर दो सप्ताह के उच्च स्तर को छू गया.सिंगापुर में सोने के भाव 0.2 प्रतिशत चढ़ कर 1275.65 डॉलर प्रति औंस हो गये, जो 27 मई के बाद का उच्चस्तर है. वहीं, चांदी के भाव 0.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 19.63 डॉलर प्रति औंस हो गये, जो 26 मई के बाद का उच्चस्तर है.

दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 360 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 27600 रुपये और 27400 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद हुए. गिन्नी के भाव 100 रुपये चढ़ कर 24500 रुपये प्रति आठ ग्राम बंद हुए. चांदी तैयार के भाव 900 रुपये की तेजी के साथ 42100 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 770 रुपये चढ़ कर 41370 रुपये किलो बंद हुए. चांदी सिक्का के भाव 2000 रुपये की तेजी के साथ 77000 : 78000 रुपये प्रति सैंकडा बंद हुए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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