नयी दिल्ली : आजकल कीभागमभाग भरी जिंदगी मेंलोगों के पास शॉपिंग के लिए मॉल या दुकान तक जानेकेलिए समय नहीं बचा है, ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड खूब जोरों पर है. फर्निचर से लेकर मोबाइल फोन और राशन तक, सब कुछ घर बैठे मंगाये जा रहे हैं. लेकिन कई बार इसमें धोखे की शिकायत भी आती है. कभी मोबाइल फोन के बदले साबुन की टिकिया थमा दियेजाने की खबर आ जाती है, तो कभी नकली प्रोडक्ट्स की शिकायत भी आती है.
हाल ही में आयी एक रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है. इस रिपोर्ट में ऑनलाइन प्रोड्क्ट्स को लेकर ऐसा खुलासा हुआ है जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे.
दरअसल आप जो ऑनलाइन सामान खरीदते हैं उनमें पांच में से एक प्रोडक्ट फेक, यानी नकली होता है. इसका मतलब यह हुआ कि पिछले 6 महीनों के दौरान भारतीय यूजर्स ने जिन प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन मंगवाया, उनमें 20 प्रतिशत प्रोडक्ट्स फेक निकले.
यहां यह जानना गौरतलब है कि शासन और शहरी जीवन पर फोकस करनेवालेफर्म लोकल सर्कल्स के इस सर्वे रिपोर्ट में उन कंपनियों का भी नाम बताया, जो सबसे ज्यादा फेक प्रोडक्ट्स बेचते हैं.
इसमें पहले स्थान पर स्नैपडील है, जिसके बारे में 37 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने अपनेऑर्डरके बदले नकली माल पाया. वहीं, 22 प्रतिशत के साथ फ्लिपकार्ट दूसरे स्थान पर है, 21 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर पेटीएम मॉल है, जबकि 20 प्रतिशत के साथ एमेजन चौथे नंबर पर है.
सर्वे में यह पूछे जाने पर कि कौन से प्रोडक्ट्स सबसे ज्यादा फेक होते हैं, इसमें परफ्यूम और डिओ सबसे आगे है, जिसके बाद स्पोर्ट्स गुड्स और बैग नंबर आता है.
दिलचस्प बात यह है कि इन फेक प्रोडक्ट्स को तब बेचा जाता है, जब किसी सेल का आयोजन किया जाता है. क्योंकि उस दौरान वेबसाइट पर यूजर्स काफी ज्यादा होते हैं और वो किसी भी प्रोडक्ट पर भारी डिस्काउंट देख उसेफौरन खरीद लेते हैं. अगर आप धोखा खाना नहीं चाहते हैं, तो ऐसे प्रोडक्ट्स का रिव्यू जरूर पढ़ें, उसके फोटो और प्रोडक्ट के बारे में जानकारी जरूर हासिल कर लें.
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