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‘जापानी लौह-इस्पात उत्पादों पर भारत की कार्रवाई WTO का उल्लंघन”

नयी दिल्ली : विश्व व्यापार संगठन की विवाद समिति ने कुछ लौह एवं इस्पात उत्पादों पर भारत द्वारा सुरक्षात्मक आयात शुल्क लगाने को चुनिंदा वैश्विक व्यापार प्रावधानों के विपरीत बताया है. समिति का यह निर्णय जापान की अपील के मद्देनजर आया है. जापान ने भारत द्वारा कुछ लौह एवं इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने […]

नयी दिल्ली : विश्व व्यापार संगठन की विवाद समिति ने कुछ लौह एवं इस्पात उत्पादों पर भारत द्वारा सुरक्षात्मक आयात शुल्क लगाने को चुनिंदा वैश्विक व्यापार प्रावधानों के विपरीत बताया है. समिति का यह निर्णय जापान की अपील के मद्देनजर आया है. जापान ने भारत द्वारा कुछ लौह एवं इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने के खिलाफ दिसंबर 2017 में विश्व व्यापार संगठन में अपील की थी. द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से विवाद का समाधान नहीं होने के बाद विश्व व्यापार संगठन ने इस साल विवाद समाधान समिति का गठन किया था.

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समिति ने अपने निर्णय में कहा कि यह पाया गया है कि भारत ने जीएटीटी 1994 के चुनिंदा प्रावधानों तथा सुरक्षात्मक अनुबंध के विपरीत कदम उठाया है. हमारा सुझाव है कि इन कदमों का प्रतिकूल असर जारी रहने की स्थिति में भारत इन अनुबंधों के अनुकूल एकरूपता लाये. भारत द्वारा लगाये गये ये शुल्क इस साल मार्च में खत्म हो चुके हैं.

भारत ने घरेलू उत्पादों को संरक्षण देने के लिए चुनिंदा श्रेणी के इस्पात पर सितंबर, 2015 में 20 फीसदी सुरक्षात्मक आयात शुल्क लगा दिया था. बाद में इसे कम करके इस साल के मार्च तक के लिए विस्तारित कर दिया गया था.

इस विवाद का महत्व इस बात में है कि भारत और जापान ने 2011 में आपस में एक मुक्त व्यापार समझौता लागू किया. इससे जापान को भारतीय इस्पात बाजार में आसन शर्तों पर माल बेचने का मौका मिल गया था.

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