नयी दिल्ली/ब्यूरो : अब बिहार-झारखंड के शहरों में भी बड़े शहरों की तर्ज पर सीएनजी से गाड़ियां चलेंगी और लोगों के किचन में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध होगी. तेल नियामक पीएनजीआरबी ने बिहार के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अरवल, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, खड़गिया, सहरसा, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर और नवादा जिले में इस सुविधा के लिए जल्द निविदा जारी करेगी, जबकि झारखंड के कोडरमा और देवघर में यह सुविधा हासिल होगी.
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निविदा के 10वें दौर में बिहार-झारखंड के अलावा आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, हरियाणा के कैथल, कर्नाटक के मैसूर और गुलबर्ग, केरल के अल्लापुझा और कोल्लम, मध्य प्रदेश के उज्जैन, ग्वालियर और मुरैना, उत्तर प्रदेश के झांसी और बस्ती, पंजाब के फिरोजपुर और होशियारपुर, राजस्थान के अजमेर और जालौर, उत्तराखंड के नैनीताल, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग एवं हावड़ा सहित 50 शहरों में लाइसेंस देने की योजना है.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) की निविदाओं का यह 10वां दौर है. इसमें 12 राज्यों में पड़ोसी जिलों को सम्मिलित करते हुए 50 भौगोलिक इलाकों में सीएनजी/पीएनजी के खुदरा वितरण के लिए लाइसेंस दिये जायेंगे. निविदा जमा कराने की अंतिम तारीख 5 फरवरी है. निविदा भरने वालों को यह बताना होगा कि वे आठ साल में संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में कितने सीएनजी स्टेशन स्थापित करना चाहते हैं और कितने घरों तक पाइप से गैस पहुचाने की उनकी योजना है. उन्हें क्षेत्र में बिछायी जाने वाली पाइपलाइन की अनुमानित लंबाई भी बतानी होगी.
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