PM Modi ने कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत को टॉप 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य किया तय
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. भारतीय उद्योग जगत के साथ […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. भारतीय उद्योग जगत के साथ कारोबार सुगमता पर चर्चा के लिए बुलाई गयी बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के स्तर पर नीतिगत अपंगता का दौर खत्म हो चुका है. उनकी सरकार ने नीति आधारित शासन दिया है, जिससे विश्वबैंक की 190 देशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 142वें से स्थान से ऊपर चढ़कर इस साल 77वें स्थान पर पहुंच गया.
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उन्होंने कहा कि देश में कंपनियों के काम करने को आसान बनाने के लिए सुधार जारी रहेंगे और प्रक्रियाओं को और सरल बनाया जायेगा. इसके साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ाकर 5,000 अरब डॉलर करने के प्रयास किये जा रहे हैं. मोदी ने कहा कि यह भारत के सतत सुधारों का नतीजा है कि देश की दुनियाभर में साख बढ़ी है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व आर्थिक मंच और अंकटाड जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी इसे स्वीकार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह सभी संस्थान हमारे सुधारों की रफ्तार देखते हुए हमारे भविष्य के प्रति आशान्वित और विश्वस्त हैं. देश में किये जा रहे सतत प्रयासों के साथ हमारी कोशिश अब देश की अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले क्लब में शामिल करने की है. इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सुधार करने होंगे.
मोदी ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार देश को कारोबार सुगमता वाले शीर्ष 50 देशों में शामिल कराने के अपने विचार को रखा था, तो उसे संदेह की दृष्टि से देखा गया. अब मात्र चार साल के कार्यकाल में यह महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता रैंकिंग के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने मिलकर काम किया, जो उनकी सहयोगात्मक और प्रतिस्पर्धी संघवाद की अवधारणा को दर्शाता है.
मोदी ने कहा कि प्रक्रियाओं में मानवीय हस्तक्षेप को कम करना और आधुनिक एवं डिजिटल प्रौद्योगिकयों के उपयोग को बढ़ावा देना समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित काम के बलबूते हमें भविष्य में नीति आधारित शासन देखने को मिलेगा. देश को 2025 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने इस समूह का गठन किया है. भारत इस समय दुनिया में तेजी से बढ़ती छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय कारोबार सुगमता की सूची में भारत 142वें स्थान पर था. मोदी ने कहा कि उस समय देश लालफीताशाही और नीतिगत अपंगता में जकड़ा हुआ था. चार साल के सुधारों के बाद विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में कारोबार सुगमता के मामले में भारत 190 देशों की सूची में 77वें स्थान पर पहुंच गया.
इससे पिछले साल भारत 100वें स्थान और उससे पिछले साल 130वें स्थान पर था. मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में भारत ने इस रैंकिंग में 65 स्थानों की छलांग लगायी है. विश्व बैंक की इस रैंकिंग में न्यूजीलैंड पहले उसके बाद सिंगापुर, डेनमार्क और हांगकांग का स्थान रहा है. अमेरिका आठवें और चीन को 46वां स्थान मिला है.
पाकिस्तान इस सूची में 136वें स्थान पर है. विश्व बैंक की यह रिपोर्ट दस मानकों के आधार पर तैयार की जाती है. इसमें कोई भी व्यावसाय शुरू करने, निर्माण अनुमति मिलने, बिजली कनेक्शन पाने, कर्ज मिलने, कर का भुगतान, विदेश व्यापार, अनुबंध का क्रियान्वयन और दिवाला समाधान जैसे मुद्दों पर गौर किया जाता है.
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