नयी दिल्ली : ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के संस्थापक बिन्नी बंसल और सचिन बंसल को इनकम डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजकर कुल आय और कैपिटल मुनाफे के बारे में जानकारी मांगी है. आईटी डिपार्टमेंट ने दोनों से यह पूछा है कि वॉलमार्ट इंटरनेशनल को अपनी कंपनी भेजने पर उन्हें कितना आय हुआ.आईटी डिपार्टमेंट ने बिन्नी बंसल और सचिन बंसल के अलावा फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी रखने वाले 35 अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी नोटिस किया है.
साथ ही उनसे पूछा है कि वे कब अग्रिम कर का भुगतान करेंगे. आयकर कानून के तहत भारतीय नागरिक सचिन और बिन्नी बंसल दोनों को अगस्त में फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खुदरा क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट को बेचने से होने वाले पूंजीगत लाभ पर 20 प्रतिशत आयकर देना होगा. कर कानून के तहत फ्लिपकार्ट के दोनों संस्थापकों को सौदे से हुई आय पर अग्रिम कर का भुगतान करना है. कुल कर में से करीब 75 प्रतिशत 15 दिसंबर, 2018 तक तथा शेष 15 मार्च, 2019 तक जमा करने हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘‘वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के अध्ययन के तहत अंतरराष्ट्रीय कराधान विभाग ने सचिन और बिन्नी बंसल को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उनका आकलन किया गया है और क्या वे अपने कर का भुगतान कर रहे हैं. चूंकि वे अपनी आयकर बेंगलुरु में जमा कर रहे हैं, आकलन अधिकारी उनके संपर्क में रहेंगे.” पिछले साल अगस्त में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदी थी. कंपनी ने सॉफ्टबैंक, नेसपर्स, ऐसेल पाट्नर्स और ई-बे समेत 44 शेयरधारकों से हिस्सेदारी खरीदी. सचिन और बिन्नी बंसल ने भी अपनी हिस्सेदारी बेची.
वॉलमार्ट, फ्लिपकार्ट में 44 विदेशी शेयरधारकों से हिस्सेदारी खरीद के एवज में पहले ही 7,439 करोड़ रुपये कर जमा कर चुकी है. हालांकि, घरेलू कर कानून के तहत सचिन और बिन्नी बंसल का आकलन अलग से किया जाएगा और उन्हें सौदे से हुई आय पर 20 प्रतिशत की दर से पूंजी लाभ कर देना होगा. जहां सचिन ने फ्लिपकार्ट में अपनी पूरी 5-6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है वहीं बिन्नी बंसल ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची है.
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