मुंबई : वैश्विक स्तर पर काम करने वाली एक वित्तीय कंपनी की ताजा रपट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के पर इस समय ‘आवश्यकता से अधिक आरक्षित धन’ है और ऐसे धन की पहचान के लिए गठित की जाने वाली विशेष समिति ने सिफारिश की तो केंद्रीय बैंक सरकार को एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि सरकार कों की राशि हस्तांतरित करने की स्थिति में है.
रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल की पिछले सोमवार को हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लेने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया गया. यह समिति इस सप्ताहांत गठित की जा सकती है. बैंक आॅफ अमेरिका मैरिल लिंच के विश्लेषकों ने सोमवार को जारी एक नोट में कहा, हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक के आर्थिक पूंजी ढांचे की रूपरेखा (ईसीएफ) के उचित स्तर की पहचान करने को लेकर गठित होने वाली समिति एक से तीन लाख करोड़ रुपये की राशि को अतिरिक्त कोष बता सकती है.
यह राशि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.5 से लेकर 1.6 प्रतिशत तक है. रिपोर्ट में इसका ब्यौरा देते हुए कहा गया है कि यदि रिजर्व बैंक के आकस्मिक कोष को आरबीआई की बैलेंस-शीट के 3.5 प्रतिशत तक पर सीमित रखा जाता है तो इसमें बचने वाली 1,05,000 करोड़ रुपये सरकार को हस्तांरित किये जा सकते हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह स्तर ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं के औसत स्तर से 75 प्रतिशत ऊंचा होगा.
इसके अलावा यदि इसमें प्रतिफल वृद्धि को 4.5 प्रतिशत पर सीमित रखा जाता है, तो 1,16,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी हस्तांतरित की जा सकती है. वर्तमान में इसे नौ प्रतिशत रखा गया है. रिजर्व बैंक की मुद्रा और स्वर्ण के पुनर्मूल्यांकन खाते में विनियोजन को 25 प्रतिशत (53.25 रुपये प्रति डालर) पर सीमित रखने पर और 72,000 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया जा सकता है. इस प्रकार कुल मिलाकर एक लाख करोड़ से लेकर तीन लाख करोड़ रुपये की राशि सरकार को हस्तांतरित की जा सकती है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.