घरेलू कंपनियों की विदेशी उधारी अक्तूबर में 66 प्रतिशत घटी
मुंबई : घरेलू कंपनियों की विदेशी उधारी में अक्तूबर माह के दौरान भारी कमी आयी है. रिजर्व बैंक के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कंपनियों का इस साल अक्तूबर में विदेशों से लिया गया वाणिज्यिक कर्ज करीब 66 प्रतिशत घटकर 1.41 अरब डाॅलर रह गया. कंपनियों ने पिछले साल अक्तूबर में विदेशों में वाणिज्यिक […]
मुंबई : घरेलू कंपनियों की विदेशी उधारी में अक्तूबर माह के दौरान भारी कमी आयी है. रिजर्व बैंक के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कंपनियों का इस साल अक्तूबर में विदेशों से लिया गया वाणिज्यिक कर्ज करीब 66 प्रतिशत घटकर 1.41 अरब डाॅलर रह गया.
कंपनियों ने पिछले साल अक्तूबर में विदेशों में वाणिज्यिक कर्ज के साथ ही विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) के जरिये 4.09 करोड़ रुपये जुटाये थे. इसके अलावा पिछले साल इसी महीने रुपये के मूल्य में जारी बांड के जरिये कंपनियों ने 31.49 करोड़ डालर अतिरिक्त कर्ज जुटाये थे.
हालांकि, रुपये में जारी बांड के जरिये जुटाया गया कर्ज इस साल अक्तूबर में यथावत रहा. आलोच्य महीने में कुल उधार में भारतीय कंपनियों ने 1.40 अरब डॉलर स्वत: मार्ग से तथा शेष 85.4 लाख डाॅलर मंजूरी मार्ग से जुटाया है.
विदेशों से कर्ज लेने वाली प्रमुख कंपनियों एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड ने खर्च के लिए 35 करोड़ डॉलर, पूंजीगत सामान के आयात के लिए ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 25 करोड़ डाॅलर, ओस्ट्रो कच्छ विंड ने नयी परियोजना के लिए 8.83 करोड़ डॉलर, आईसीआईसीआई होम फाइनेंस कंपनी ने आगे कर्ज देने के लिए 7.5 करोड़ डॉलर जुटाये.
भारती एयरटेल ने 5 और 6 साल के लिए 10-10 करोड़ डॉलर जुटाये. ये कर्ज विदेशों से लिये गये पुराने कर्ज के भुगतान और अन्य खर्च के लिये लिये गये थे. ताइयो निप्पन सैन्सो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एकमात्र कंपनी थी जिसने मंजूरी मार्ग के जरिये 85.40 लाख डाॅलर का कर्ज जुटाया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.