वित्त मंत्री जेटली ने कहा, स्वास्थ्य आैर कृषि क्षेत्र के लिए जीएसटी परिषद जैसे संघीय ढांचे की जरूरत
नयी दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के लिए जीएसटी परिषद जैसे एक संघीय ढांचे की जरूरत है. भारतीय उद्योग परिसंघ के स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने उम्मीद जतायी कि स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐसा संघीय ढांचा बनाये जाने से कल्याणकारी योजनाओं को लागू […]
नयी दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के लिए जीएसटी परिषद जैसे एक संघीय ढांचे की जरूरत है. भारतीय उद्योग परिसंघ के स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने उम्मीद जतायी कि स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐसा संघीय ढांचा बनाये जाने से कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में राज्यों से कम प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा. फिर राज्यों को योजनाएं लागू करनी होंगी, जबकि केंद्र सरकार उसमें केवल सहयोग करेगी.
इसे भी पढ़ेंः जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंत्री सीपी सिंह ने कहा – जीएसटी से आठ माह में 26 फीसदी राजस्व घटा
जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के मामले में संघीय ढांचे का प्रयोग कारगर रहा. ऐसे दो क्षेत्र और हैं जहां इस तरह के संघीय ढांचे की बहुत अधिक जरूरत है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए संविधान ने यह व्यवस्था उपलब्ध करायी है, लेकिन जिन क्षेत्रों के लिए संविधान ने यह सुविधा नहीं दी है, वहां राजनीतिक परिपक्वता से सरकारें इस प्रयोग को अमलीजामा पहना सकती हैं. इस तरह की संघीय व्यवस्था की जरूरत पर बल देते हुए जेटली ने कहा कि अभी राज्य और केंद्र, दोनों ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी-अपनी योजनाएं चलाते हैं. हालांकि, यह व्यवस्था कृषि क्षेत्र में कैसे लाभ पहुंचायेगी, इस बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के अपने अस्पताल हैं, जबकि केंद्र सरकार पूरे देश में ‘उत्कृष्ट संस्थान’ स्थापित कर रही है. केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत लागू की है, जबकि राज्यों के पास भी ऐसी ही योजनाएं हैं. जेटली ने कहा कि इन सभी को मिलाए जाने की जरूरत है, ताकि इसके संयुक्त लाभ देश की बीमार आबादी को मिल सकें. निश्चित तौर पर इसका क्रियान्वयन राज्य ही करेंगे और केंद्र उसमें केवल सहयोग करेगा.
जेटली ने कहा कि यदि संघीय ढांचा बन जाता है, तो फिर मेरी योजना तुम्हारी से बेहतर होने जैसे विषय विवाद का मुद्दा नहीं होंगे. यह एक कल्याण से जुड़ा मुद्दा या मेरे राज्य के मरीज, तुम्हारे राज्य के मरीजों से बेहतर होने का मुद्दा है. यदि वास्तव में केंद्र और राज्यों के बीच इस तरह का एक संघीय ढांचा बनता है, तो बेहतर समन्वय के चलते हर राज्य को फायदा होगा. उनके पास अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.