मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर (रेपो दर) में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने सोच-विचार के साथ मौद्रिक नीति को कड़ा करने के अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि एमपीसी का यह फैसला मौद्रिक नीति को सोच विचार के साथ सख्त करने के रुख के अनुरूप है. यह मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के लक्ष्य में रखने के हमारे रुख के अनुकूल है.
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के 7.4 प्रतिशत के अनुमान को भी कायम रखा है. अगले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति 2.7 से 3.2 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है. नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला हालांकि, सर्वसम्मति से लिया गया. लेकिन, समिति के एक सदस्य रवींद्र एच ढोलकिया ने मौद्रिक नीति रुख को बदलकर तटस्थ करने के पक्ष में मत दिया.
3 से 5 दिसंबर तक चली समीक्षा बैठक के बाद महंगाई में गिरावट का अनुमान जताया गया है और अक्तूबर की मौद्रिक समीक्षा बैठक में जिन जोखिमों का जिक्र किया गया था, उनमें कुछ का अंदेशा टल गया है, खासकर कच्चे तेल की कीमतें घट चुकी हैं. लेकिन, कुछ अनिश्चितताओं की वजह से महंगाई को लेकर खतरा बना हुआ है.
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