टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी चुनौती का मुकाबला करने के लिए आइडिया और वोडाफोन पहले ही हाथ मिला चुके हैं, लेकिन अब खबर आ रही है कि टेलीकॉम सेक्टर में एक ऐसा महागठबंधन बनने जा रहा है, जो जियो को कड़ी चुनौती देगा.
मालूम हो कि रिलायंस जियो के सस्ते डेटा ऑफर्स के बाद देश में टेलीकॉम सर्विस मुहैया करानेवाली कई छोटी कंपनियां खत्म हो चुकी हैं. इसी संकट से जूझ रहे टेलीकॉम जगत में नयी-नयी योजनाएं बन रही हैं.
इसी कोशिश में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जियो को टक्कर देने के लिए फाइबर नेटवर्कशेयर करने की योजना पर काम कर रहे हैं. सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो आनेवाले दिनों में वो एक साझा फाइबर नेटवर्क की शुरुआत कर सकते हैं.
अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयरटेल के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बारे में बताया है, हमें इस साझेदारी और एक कंपनी बनाने की खुशी है. हम वोडाफोन आइडिया के साथ पहले ही मिलकर काम कर रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारती एयरटेल अब अपनी ग्राहक संख्या की जगह कमाई बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. ऐसे में उसका फोकस प्रीमियम कस्टमर पर है.
दूसरी ओर, रिलायंस जियो के पास देश भर में हाई स्पीड फाइबर नेटवर्क है. रिलायंस जल्द ही जियो गीगाफाइबर नाम से ब्राॅडबैंड सर्विस शुरू करने जा रहा है, जिसके बाद माना जा रहा है कि इस सेग्मेंट में भी प्राइस वार तेज हो जाएगा.
हालांकि, रिलायंस ने अभी यह जाहिर नहीं किया है कि उसकी ब्राॅडबैंड सेवाओं का शुल्क क्या होगा, लेकिन अगर एयरटेल और वोडाफोन आइडिया फाइबर नेटवर्क शेयर करेंगे, तो जियो के लिए मुश्किल हो सकती है.
आप पर होगा यह असर
टेलीकॉम कंपनियों के बीच चल रही जंग का जहां निम्न आयवर्ग के ग्राहकों पर नकारात्मक असर होगा,वहीं थोड़ा ज्यादा खर्च करनेवाले उध्यम और उच्चवर्ग के ग्राहकों के लिए इस जंग में फायदा नजर आ रहा है.
चूंकि एयरटेल पहले ही कह चुका है कि अब उसकी सेवाएं लेने के लिए ग्राहकों के हर महीने कम से कम 35 रुपये का रीचार्ज कराना होगा, यानी मुफ्त में इनकमिंग के दिन अब खत्म हो जायेंगे.
बात जियो की करें, तो यहां आपको अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा तो मिलती है, लेकिन मुफ्त इनकमिंग की सुविधा यहां भी नहीं है.
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