GST चोरों ने आठ महीने में सरकार को लगाया 12,000 करोड़ रुपये का चूना, जांच में पकड़ी गयी चोरी
नयी दिल्ली : सरकार ने कर चोरी रोकने और देश में एक कर प्रणाली को अमलीजामा पहनाने के लिए भले ही एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू कर दिया हो, लेकिन देश में कर चोरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी का नतीजा है कि पिछले आठ […]
नयी दिल्ली : सरकार ने कर चोरी रोकने और देश में एक कर प्रणाली को अमलीजामा पहनाने के लिए भले ही एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू कर दिया हो, लेकिन देश में कर चोरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी का नतीजा है कि पिछले आठ महीने के दौरान करीब 12,000 करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी पकड़ी गयी है.
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खबरों के अनुसार, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल नवंबर के बीच आठ महीनों के दौरान 12,000 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी पकड़ी है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य जॉन जोसफ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके यानी ई-वे बिल के बावजूद बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी हो रही है. इसके साथ ही, उन्होंने यह हिदायत भी दी है कि ऐसे हालात में जीएसटी का अनुपालन बढ़ाने की जरूरत है.
जोसफ ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमने जीएसटी की चोरी रोकने के उपाय अप्रैल से शुरू किये और अब तक 12,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी है. यह केंद्रीय उत्पाद अथवा सेवा कर के समय के मुकाबले काफी बड़ी राशि है. बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी की जा रही है. बाहर कई स्मार्ट लोग हैं, जो जानते हैं कि पैसा कैसे जेब में डाला जा सकता है.
सीबीआईसी में जांच का काम देखने वाले जोसफ ने कहा कि कर अधिकारियों ने करीब 8,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी को वसूल लिया है. जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था. जोसफ ने बताया कि 1.2 करोड़ जीएसटी करदाताओं में से मात्र पांच से 10 फीसदी ही इसकी चोरी कर रहे हैं और उद्योग का नाम खराब कर रहे हैं. हमें अनुपालन तंत्र को बेहतर करने की जरूरत है. उद्योग की इन चिंताओं कि सरकार के बदलने पर पूरी जीएसटी प्रक्रिया बदल जायेगी.
जोसफ ने कहा कि आपकी यह चिंता कि चुनाव नतीजे जीएसटी के लिए अच्छे होंगे या खराब, मैं आपको साफ कर देना चाहता हूं कि जो भी राजनीतिज्ञ हैं, चाहे वे सत्ता में हैं या विपक्ष में सभी ने एक साथ आकर इसे लागू किया है. हालांकि, कानून या फिर कुछ प्रक्रियागत बदलाव निश्चित रूप से हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के सदस्यों वाली जीएसटी परिषद ने नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से संबंधित सभी फैसले किये हैं. सीबीआईसी के सदस्य ने कहा कि नये जीएसटी रिटर्न फॉर्म में शुरुआत में बीटा संस्करण होगा, जिससे उद्योग के पास रिटर्न की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सुझाव देने का पर्याप्त समय होगा.
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