वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार वार्ता के बीच कहा है कि एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत चीन समूचे देश के बाजार को खोलने जा रहा है. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘मैंने अभी-अभी वाल स्ट्रीट जर्नल का पहला पन्ना देखा. बड़े नीतिगत बदलाव के तहत चीन अपनी नीति को उदार बनाने जा रहा है. वह अपना बाजार पूरी तरह खोलने जा रहा है, वह राष्ट्रपति ट्रंप को खुश करना चाहता है…’
ट्रंप ने 30 नवंबर और एक दिसंबर को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. रात्रि भोज पर हुई बैठक के बाद दोनों नेताओं ने व्यापार समझौता पर पहुंचने के लिए एक-दूसरे को 90 दिन का वक्त देने का फैसला किया था. इस व्यापार समझौता के जरिये व्यापार संतुलन और बौद्धिक संपदा की चोरी के संबंध में अमेरिकी चिंताओं का निवारण करने की कोशिश की जायेगी.
दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने इस पर सोमवार को वार्ता शुरू की. फॉक्स न्यूज के एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने गुरुवार को कहा, ‘मैंने राष्ट्रपति शी के साथ शानदार संबंध स्थापित किया है. वह चीन के मुखिया हैं. मेरा मानना है कि हम दोनों देशों के लिए और हमारे लिए शानदार समझौता करने जा रहे हैं. हम चीन से उसका बाजार खुलवाने जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि अगर चीनी अर्थव्यवस्था मुश्किल में है, तो सिर्फ उनकी वजह से है. उन्होंने कहा, ‘यह एकमात्र वजह है कि वह मुश्किल में है, क्योंकि मैंने अरबों डॉलर के कर लगाये हैं. हमने चीन पर लगाये गये कर से 11 अरब डॉलर प्राप्त किये हैं. अतीत में हमने चीन से कोई धन नहीं प्राप्त किया, बल्कि चीन के हाथों धन गंवाया था.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘पिछले चार महीने में हमने करीब 11 अरब डॉलर कर के रूप में प्राप्त किये हैं. कोई भी उसे नहीं जानता है. लोग उस पर रिपोर्ट नहीं करते हैं, वे सिर्फ फिजूल की चीजों को रिपोर्ट करते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि वह कैसे चीन के साथ समझौते को लेकर इतना आश्वस्त हैं, तो ट्रंप ने कहा कि वह जानते हैं कि वह क्या कर रहे हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मैं क्या कर रहा हूं. मेरा आशय है कि यह व्यापार है. कोई भी चीन नहीं गया और उससे कहा कि सुनो, आप हमारी बौद्धिक संपदा को चुरा रहे हैं. आप तमाम तरह की चीजें कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है. आप हमारे देश का 500 अरब डॉलर ले रहे हैं. आप ऐसा नहीं कर सकते. आप हमारे देश से 500 अरब डॉलर नहीं ले जा सकते.’
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