कैरियर शुरू होते ही ऐसे करें फिनांसियल प्लानिंग
मनीष विनोद, निदेशक, आरएम एसोसिएट्स जीवन में एक समय आता है जब सामान्य पढ़ाई खत्म होती है और काम धंधे की शुरुआत होती है. यानी कैरियर की शुरुआत होती है. यह वह समय होता है जब आपके मेहनत की कमाई आने लगती है. इन पैसों पर पूरा नियंत्रण आपका ही होता है. यहीं पर अगर […]
मनीष विनोद,
निदेशक, आरएम एसोसिएट्स
जीवन में एक समय आता है जब सामान्य पढ़ाई खत्म होती है और काम धंधे की शुरुआत होती है. यानी कैरियर की शुरुआत होती है. यह वह समय होता है जब आपके मेहनत की कमाई आने लगती है.
इन पैसों पर पूरा नियंत्रण आपका ही होता है. यहीं पर अगर आपने अपने जीवन के लक्ष्यों और प्राथमिकताओं को परिभाषित कर लिया तो आपको उस लक्ष्य तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी और रिटायरमेंट की उम्र में आपकी जीवनशैली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. तो इस पड़ाव पर सबसे जरूरी है कि व्यक्तिगत वित्तीय योजना तैयार करना यानी फिनांसियल प्लानिंग करना. अगर आपने अभी तक योजना तैयार नहीं की है तो देर नहीं हुई है, जब जागो तब सवेरा के अनुसार आपको तुरंत ही योजना बनाना शुरू कर देना चाहिए.
व्यक्तिगत वित्तीय योजना
हर किसी के जीवन में अलग-अलग तरह के वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं. इसलिए सबसे पहला काम है अपने वित्तीय लक्ष्य को निर्धारित करना. इसके साथ अपने जीवन के उद्देश्य और प्राथमिकताओं और उपलब्ध संसासधनों को देखते हुए अपने जीवनशैली को ध्यान में रख कर एक संतुलित और वास्तविक रूप से उन लक्ष्यों को पूरा करने की योजना को ही फिनांसियल प्लानिंग कहा जाता है.
क्यों जरूरी है प्लानिंग
लंबी अवधि के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी है वित्तीय योजना बनाना.
कैश प्लो : अपने खर्च पैटर्न की निगरानी करते हुए नकदी प्रवाह बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए वित्तीय योजना बनाते समय सही टैक्स प्लानिंग, विवेकपूर्ण खर्च और संतुलित बजट जैसे उपाय को बनाये रखना जरूरी है.
पूंजी : कुशल वित्तीय योजना की मदद से एक मजबूत पूंजी आधार बनाया जा सकता है. इसके लिए आप एक बेहतर निवेश विकल्प चुन सकते हैं, जो आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकती है.
आय : प्रभावी ढंग से योजना बनाते हुए आप अपनी आय का प्रबंधन कर सकते हैं. आय प्रबंधन द्वारा आप टैक्स की देनदारी, अन्य मासिक खर्च और बचत को अलग-अलग कर सकते हैं.
निवेश : आय-व्यय को स्पष्ट करते हुए बनायी गयी योजना निवेश की नीति बनाने में मदद करती है और सही निवेश करते हुए निर्धारित लक्ष्यों तक पहुंचने में सक्षम बनाती है.
लिविंग स्टैंडर्ड : बचत विपरीत समय में आपका बचाव करता है. परिवार में कमाने वाले की मौत काफी हद तक जीवनशैली को प्रभावित करती है. ऐसी स्थिति में आपकी बनायी हुई वित्तीय योजना एक सिक्यूरिटी गार्ड के रूप में कार्य करता है और परिवार को मुश्किल वक्त में मदद करता है.
वित्तीय समझ : वित्तीय योजना बनाने की प्रक्रिया वित्तीय समझ लाने में मदद करता है. वित्तीय समझ विकसित हो जाने पर आपको अपने निवेश योजना में परिवर्तन करना या सेवानिवृत्ति योजना का मूल्यांकन करना आसान हो जाता है.
एसेट : वित्तीय समझ होते ही दायित्वों को निपटाने या रद्द करने का निर्णय लेना आसान हो जाता है. इस तरह वित्तीय योजना बनाने की प्रक्रिया आपको ऐसी संपत्ति निर्माण करने में मदद करती है जो भविष्य में बोझ न बने. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई कितना कमाता है, बेहतर वित्तीय योजना बनाना हमेशा से मददगार होता है.
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