नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को साफ करते हुए कहा कि सरकार ने उनसे कभी इस्तीफा नहीं मांगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के आरक्षित पूंजी भंडार से एक फूटी कौड़ी की आवश्यकता नहीं है. उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर सरकार की आलोचना पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक के आरक्षित कोष के आकार जैसे मुद्दों पर आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक में सौहार्दपूर्ण चर्चा हुर्इ.
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गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने इसी महीने अपना इस्तीफा दे दिया. एक बयान में पटेल ने कहा था कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ने का निर्णय किया है. उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताया. पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर थे. उन्हें सितंबर, 2016 में तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था. उन्होंने रघुराम राजन का कार्यकाल पूरा होने के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभालपा था.
इस्तीफा देने के बाद उर्जित पटेल ने कहा था कि निजी कारणों मैंने रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने का फैसला किया.वर्षों तक रिजर्व बैंक में अलग-अलग पदों पर काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है. उनके इस्तीफे के बाद सरकार की आेर से शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया.
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से आरबीआई और सरकार के बीच नकदी समस्या समेत अन्य मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही है. जेटली ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के आरक्षित पूंजी भंडार से एक फूटी कौड़ी की आवश्यकता नहीं है. उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर सरकार की आलोचना पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक के आरक्षित कोष के आकार जैसे मुद्दों पर आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक में सौहार्दपूर्ण चर्चा हुर्इ. वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार ने कभी पटेल से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था.
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