धोखाधड़ी का पता लगाने की खातिर सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों की ऑडिट रिपोर्ट खंगाल रहा CVC
नयी दिल्ली : केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सरकारी बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने और सुधारात्मक उपायों पर सुझाव देने के लिए उनकी ऑडिट रिपोर्ट की जांच-पड़ताल शुरू की है. अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही. बैंकों में लगातार बढ़ रहे एनपीए (अवरुद्ध) और बड़े […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सरकारी बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने और सुधारात्मक उपायों पर सुझाव देने के लिए उनकी ऑडिट रिपोर्ट की जांच-पड़ताल शुरू की है. अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही. बैंकों में लगातार बढ़ रहे एनपीए (अवरुद्ध) और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले सामने आने को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण है.
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सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन ने बताया कि सीवीसी केंद्रीय सांविधिक रिपोर्टों, मौजूदा लेखा परीक्षकों (ऑडिटर) की रिपोर्टों और अन्य लेखा परीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है. यह काम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन लेखा परीक्षा रिपोर्टों की जांच-परख आयोग में भी की जा रही है और सुधारात्मक कार्य योजना के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए सलाह भी दी जा रही है.
सरकारी संगठनों में तैनात केंद्रीय सतर्कता अधिकारी वहां भ्रष्टाचार और अन्य धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की रोकथाम के लिए वहां सीवीसी के अंग के रूप में काम करते हैं. वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में दिये एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और निजी बैंकों में 2017-18 में धोखाधड़ी के कुल 8,802 मामले सामने आये हैं. 2016-17 में 7,794 और 2015-16 में 7,482 मामले सामने आये थे.
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