जीएसटी क्षतिपूर्ति अवधि बढ़ाने की मांग की

नयी दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बृहस्पतिवार को यहां मुलाकात की और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राज्यों के लिये क्षतिपूर्ति अवधि 2025 तक बढ़ाने की मांग की उन्होंने इस बारे में दलील देते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2018 3:54 PM

नयी दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बृहस्पतिवार को यहां मुलाकात की और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राज्यों के लिये क्षतिपूर्ति अवधि 2025 तक बढ़ाने की मांग की उन्होंने इस बारे में दलील देते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का राजस्व घाटा बढ़कर 20 प्रतिशत पर पहुंच गया है .

फिलहाल राज्य जीएसटी लागू होने के बाद पहले पांच साल के लिये क्षतिपूर्ति पाने के हकदार हैं- जीएसटी जुलाई 2017 में लागू हुआ इस लिहाज से राजस्व क्षतिपूर्ति व्यवस्था 2022 तक लागू रहेगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार संसद परिसर में हुई बैठक में कुमारस्वामी ने जेटली को सूचित किया कि केन्द्र द्वारा राजस्व नुकसान की भरपाई के बावजूद राज्य का राजस्व घाटा 2022 के बाद भी बना रह सकता है. इससे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा ढांचागत परियोजनाओं के लिये कोष आबंटन प्रभावित होने की आशंका है.
हालांकि, चालू वित्त वर्ष में 2017-18 के मुकाबले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में सुधार हुआ है. इसके बावजूद राजस्व वृद्धि के अनुमान के साथ अंतर 2022 के बाद भी बना रह सकता है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के समक्ष कहा, ‘‘वैट व्यवस्था के तहत कर्नाटक औसतन 10 से 12 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हासिल कर रहा था- लेकिन जीएसटी के बाद राजस्व घाटा अनुमानित वृद्धि के समक्ष 20 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया. ” कुमारस्वामी ने कहा कि राजस्व घाटे में कमी लाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन कर्नाटक ने पाया कि कर की मौजूदा दरें तथा उम्मीद के मुकाबले सेवा क्षेत्र से कम योगदान जैसे संरचनात्मक कारणों से राजस्व घाटा बढ़ा है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में केंद्र ने राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये 41,147 करोड़ रुपये जारी किये ताकि यह सुनिश्चित हो कि उनके राजस्व में कमी नहीं हो- केन्द्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय राज्यों को पांच साल तक उनके राजस्व नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन दिया है. इसके लिये राज्यों के वर्ष 2015- 16 में प्राप्त राजस्व को आधार वर्ष मानते हुये हर साल 14 राजस्व प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. राजस्व इससे कम रहने पर केन्द्र उसकी भरपाई करेगा.

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