भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) कीओर से हाल ही में जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2018 के अंत तक नैरोबैंड और ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या 56 करोड़ को पार कर गयी.
इसी तरह मार्च 2016 तक इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या जो 34 करोड़ थी, वह 31 मार्च 2017 तक 42 करोड़ हो गयी. 31 मार्च 2018 को इंटरनेट का उपभोग करने वालों की संख्या 49 करोड़ थी.
इसी साल जून के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 51 करोड़ और फिर सितंबर के अंत तक 56 करोड़ हो गया. 56 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं में सेलगभग 64% यानी 36 करोड़ शहरी जबकि 36% यानी 19.4 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ता हैं.
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश (+तेलंगाना), महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु इन पांच राज्यों से कुल इंटरनेट उपभोक्ताओं में से 20 करोड़ यानी 36 फीसदी उपभोक्ता आते हैं. 2016 की तुलना में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या कर्नाटक में 58%, तमिलनाडु में 45 %, आंध्र प्रदेश में 76%, गुजरात में 70 और महाराष्ट्र में 56% बढ़ी.
जानकारों की मानें, तो देश में इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती तादाद के पीछे सरकारी प्रोत्साहन के साथ-साथ सर्विस प्रोवाइडर्सद्वाराग्रामीण इलाकों पर ज्यादा ध्यान देना है. इसके अलावा शहरी इलाकों में रिलायंस जियो की एंट्री भी उपभोक्ता की बढ़ी संख्या कीबड़ी वजह मानी जा रही है.
यही नहीं, भारत संचार निगम लिमिटेड और केंद्र के भारत नेट योजना के तहत ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है.
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