”अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद चेन्नई रिफाइनरी की विस्तार परियोजना में भागीदार बनना चाहता है ईरान”
नयी दिल्ली : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने बुधवार को कहा कि अमेरिका की ओर से आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद ईरान भारत में इंडियन ऑयल की चेन्नई रिफाइनरी की 35,700 करोड़ रुपये की विस्तार परियोजना में भागीदार बनना चाहता है. इंडियन ऑयल अगले पांच से छह साल में अपनी अनुषंगी कंपनी की […]
नयी दिल्ली : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने बुधवार को कहा कि अमेरिका की ओर से आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद ईरान भारत में इंडियन ऑयल की चेन्नई रिफाइनरी की 35,700 करोड़ रुपये की विस्तार परियोजना में भागीदार बनना चाहता है. इंडियन ऑयल अगले पांच से छह साल में अपनी अनुषंगी कंपनी की नागापट्टनम रिफाइनरी और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्प लिमिडेट (सीपीसीएल) के विस्तार और एक नयी 90 लाख टन की नयी इकाई की स्थापना का विचार कर रही है.
इसे भी पढ़ें : इंडियन ऑयल ने जीता प्रमुख तेल एवं गैस कंपनी का पुरस्कार
सिंह ने बताया कि ईरान की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी नेशनल ईरान ऑयल कंपनी (एनआईओसी) ने सीपीसीएल की विस्तार परियोजना में हिस्सा लेने की इच्छा जतायी है. सिंह ने ईरानी कंपनी के हवाले से बताया कि वे परियोजना का हिस्सा बनना चाहते हैं और मुझे लगता है कि उन्हें निवेश करने में सक्षम होना चाहिए. अमेरिका द्वारा ईरान पर फिर से लगाये गये प्रतिबंध पांच नवंबर से लागू हो गये हैं. इसके बाद भारत ईरान को कच्चे तेल के खरीद का भुगतान रुपये में कर रहा है.
आईओसी की सीपीसीएल में 51.89 फीसदी हिस्सेदारी है. एनआईओसी की स्विस अनुषंगी नाफ्टईरान इंटरट्रेड की सीपीसीएल में 15.4 फीसदी हिस्सेदारी है. विस्तार परियोजना की प्रारंभ में लागत 27,460 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था. अब यह बढ़ कर 35,698 करोड़ रुपये हो गयी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.