रिपोर्ट : MSME के फंसे कर्ज पर RBI के कदम से फायदे में रहेंगे सरकारी बैंक
मुंबई : कोटक सिक्युरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के फंसे कर्ज पर उठाये गये कदम से त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा के तहत आने वाले 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फायदा होगा. हालांकि, इस रिपोर्ट में रिजर्व बैंक की […]
मुंबई : कोटक सिक्युरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के फंसे कर्ज पर उठाये गये कदम से त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा के तहत आने वाले 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फायदा होगा. हालांकि, इस रिपोर्ट में रिजर्व बैंक की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के 25 करोड़ रुपये तक के कर्ज के पुनर्गठन की अनुमति देने के कदम को हैरान करने वाला भी बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों के लिए इस क्षेत्र में दबाव वाली संपत्तियों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम से सार्वजनिक क्षेत्र के उन बैंकों को फायदा होगा, जिनका एमएसएमई क्षेत्र का दबाव वाला कर्ज ऊंचे स्तर पर है. इसमें कहा गया है कि त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा के तहत आने वाले 11 सरकारी बैंकों को इस कदम से ज्यादा फायदा मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें केंद्रीय बैंक की अधिसूचना जारी होने के समय पर हैरानी है. आमतौर पर विकृति की शुरुआती चेतावनी मिलने के बाद बैंक ऋण देना कम कर देते हैं.
कोटक सिक्युरिटीज ने अप्रैल-जून, 2018 की अवधि के उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बैंक काफी संतोषजनक स्थिति में हैं और उनका यह पोर्टफोलियो तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एमएसएमई क्षेत्र के लिए उनके 25 करोड़ रुपये तक के कर्ज का पुनर्गठन करने की घोषणा की है. इसके तहत उन इकाइयों के कर्ज का पुनर्गठन किया जायेगा, जिन्होंने कर्ज भुगतान समय पर नहीं किया है, लेकिन उनका कर्ज खाता अभी भी मानक परिसंपत्ति की श्रेणी में बना हुआ है.
ब्रोकर कंपनी ने कहा है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से एमएसएमई क्षेत्र को दिये गये कुल 23,000 अरब रुपये के कर्ज में से 13,000 अरब रुपये के कर्जदारों को फायदा होगा. कोटक सिक्युरिटीज ने कहा है कि एमएसएमई क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 18 फीसदी वृद्धि दर्ज की गयी है. उसने कहा है कि विभिन्न वर्गों में इस दौरान फंसे कर्ज की स्थिति स्थिर रही है.
वहीं, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र ने सरकार से मांग की है कि रिजर्व बैंक की ऋण पुनर्गठन योजना का लाभ उन कंपनियों को भी मिलना चाहिए, जो अभी तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत नहीं हुई हैं. इसके अलावा, क्षेत्र ने इस तरह के उपक्रमों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण के दर्जे को बहाल करने की मांग की है.
भारतीय सूक्ष्म एवं लघु तथा मझोले उपक्रम महासंघ के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि यह बेहतर होता, अगर इस योजना के तहत सभी एमएसएमई आते, चाहे वे जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं या नहीं. भारद्वाज ने कहा कि बड़ी संख्या में इकाइयां नोटबंदी और जीएसटी के दोहरे झटके की वजह से दबाव वाली आर्थिक परिस्थितियों से प्रभावित हुई हैं, जिसकी वजह से उनसे भुगतान में चूक हुई है.
एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम के चेयरमैन रजनीश गोयनका ने कहा कि निश्चित रूप से इससे एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा. हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि उन एमएसएमई को राहत दी जाये, जिनका ऋण गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया है या बनने वाला है. पावर2एसएमई के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आर नारायण ने कहा कि एक करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए 59 मिनट के पोर्टल की योजना और दो फीसदी ब्याज सब्सिडी की योजना से सरकार की क्षेत्र की चिंता को दूर करने की मंशा का पता चलता है. इस समय कुछ बड़े कदमों की जरूरत है, मसलन एमएसएमई को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण का दर्जा फिर से बहाल किया जाना चाहिए.
उद्योग मंडल एसोचैम ने इस कदम को एक महत्वपूर्ण उपाय बताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता सुधरेगी. रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि इससे लघु एवं मझोले उपक्रमों को प्रोत्साहन मिल सकेगा, जो अभी ऐसे कारणों की वजह से वित्तीय दबाव झेल रहे हैं, जो उनके नियंत्रण से बाहर है.
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