नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने ऐलान किया है कि पेट्रोल-डीजल पर दी गयी एक रुपये प्रति लीटर की राहत से हुए नुकसान की भरपाई करने का उनका कोई इरादा नहीं है. इस समय दोनों ईंधनों की कीमत उनकी लागत के मुताबिक समान स्तर पर पहुंच गये हैं. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के चलते चार अक्टूबर को जहां केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, वहीं पेट्रोलियम कंपनियों से भी दोनों ईंधन पर प्रति लीटर एक रुपये की राहत देने को कहा गया था.
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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आम अवाम को दी गयी राहत के कारण तुरंत प्रभाव से दोनों ईंधन के दाम ढाई रुपये प्रति लीटर सस्ते हो गये थे. वहीं, कई राज्य सरकारों ने भी तब अपने-अपने यहां की वैट दर में कटौती करके ढाई रुपये प्रति लीटर तक की राहत दी थी. कुल मिलाकर पेट्रोल-डीजल के दाम में पांच रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की गयी.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि हम किसी नुकसान की भरपाई करने नहीं जा रहे हैं. इंडियन ऑयल समेत हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को एक रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने से करीब 4,500 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि जब ईंधन की कीमतें बढ़ रही थीं, तो सरकार ने हमसे एक रुपये प्रति लीटर की कीमत कम करने के लिए कहा और हमने कीमतें एक रुपये प्रति लीटर घटा दी. अब ईंधन की कीमतें लगातार कम हो रही हैं और हम उसका लाभ हर दिन ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं. सिंह ने कहा कि अक्टूबर के मध्य से अब तक पेट्रोल में 14.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में 13.03 रुपये प्रति लीटर की कमी आयी है. हमने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी का पूरा लाभ जनता तक पहुंचाया है.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एमके सुराना ने कहा कि तेल की खुदरा कीमतें अब अंतरराष्ट्रीय दरों के बराबर आ गयी हैं. दोनों ने कहा कि कंपनियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोई निर्णय नहीं किया गया है. दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल की कीमतें 68.65 रुपये और डीजल की कीमतें 62.66 रुपये प्रति लीटर पर है.
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