नारायण मूर्ति बोले- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग लायेगा नये रोजगार के मौके

बेंगलुरु : इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां भविष्य में लोगों से रोजगारी छीनेंगी नहीं बल्कि उनके लिए नौकरियों के अधिक अवसर पैदा करेंगी. प्रसिद्ध आईटी उद्योगपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी लोगों को उन कार्यों से रूबरू होने का अवसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2019 6:43 PM

बेंगलुरु : इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां भविष्य में लोगों से रोजगारी छीनेंगी नहीं बल्कि उनके लिए नौकरियों के अधिक अवसर पैदा करेंगी.

प्रसिद्ध आईटी उद्योगपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी लोगों को उन कार्यों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करती है जिनमें अधिक मानवीय स्पर्श की आवश्यकता होती है.

मूर्ति ने कहा, कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) निश्चित रूप से कंप्यूटर विज्ञान का एक महत्वपूर्ण सामयिक क्षेत्र है. एआई, मशीन लर्निंग, बिग डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ये सभी ऐसे क्षेत्र हैं जो मानव के जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने की क्षमता रखते हैं.

प्रौद्योगिकी को जल्दी शुरू करने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और जापान का उदाहरण देते हुए, नारायणमूर्ति ने कहा कि ये देश बेरोजगारी दर को कम कर एक अंक तक लाने में सक्षम हुए हैं.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यस्थल में मशीनों और एल्गोरिदम का तेजी से विकास 75 मिलियन के बदले 133 मिलियन नये अवसर पैदा कर सकता है जबकि पुराने 75 मिलियन अवसर 2022 तक खत्म हो जाएंगे.

उन्होंने कहा, यदि आप पिछले 50 वर्षों में इस दुनिया के आर्थिक इतिहास का अवलोकन करते हैं जब कंप्यूटर ने एक बड़ी भूमिका निभानी शुरू की, तो आप महसूस कर सकते हैं कि जिन देशों ने अधिक उत्साह के साथ प्रौद्योगिकी को अपनाया, उन्होंने अपने देश की बेरोजगारी को उन लोगों की तुलना में बहुत कम कर दिया जिन्होंने प्रौद्योगिकी को नहीं अपनाया.

इस तर्क को खारिज करते हुए कि प्रौद्योगिकी लोगों को बेरोजगार करती है, उन्होंने कहा, वास्तविक अर्थों में यह सच नहीं है. उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी लोगों को कठिन परिश्रम के कार्यों से हटाकर ऐसे कार्यों के लिए अवसर प्रदान करती है जिसके लिए अधिक से अधिक मानवीय स्पर्श की आवश्यकता होती है.

मूर्ति ने बताया कि ऑटोमेटिड टैलर मशीन (एटीएम) मानव जीवन को आसान बनाने वाली तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं. उन्होंने शनिवार को यहां इंफोसिस पुरस्कार समारोह में कहा कि वह इस बात पर भरोसा नहीं कर सकते हैं कि प्रौद्योगिकी समाज को भीषण बेरोजगारी के दलदल में फंसा देगी.

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