GST में रजिस्टर्ड छोटे कारोबारियों को बीमा योजना में लाने की तैयारी कर रही मोदी सरकार

नयी दिल्ली : आम चुनावों से पहले मोदी सरकार जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) में पंजीकृत लाखों छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए एक बीमा योजना लाने पर विचार कर रही है. इस योजना के जरिये सरकार छोटे कारोबारियों की विभिन्न चिंताओं का समाधान करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, इस योजना के तहत कारोबारियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2019 5:01 PM

नयी दिल्ली : आम चुनावों से पहले मोदी सरकार जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) में पंजीकृत लाखों छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए एक बीमा योजना लाने पर विचार कर रही है. इस योजना के जरिये सरकार छोटे कारोबारियों की विभिन्न चिंताओं का समाधान करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक, इस योजना के तहत कारोबारियों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) की तर्ज पर कम प्रीमियम पर दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराया जा सकता है. यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कारोबारियों के लिए चलायी जा रही योजना की तर्ज पर हो सकती है.

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सूत्रों ने बताया कि छोटे कारोबारियों को उनके कारोबार के आधार पर 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार की मंजूरी मिलने पर इस महीने के आखिर में बजट सत्र शुरू होने से पहले योजना की घोषणा की जा सकती है. इसके अलावा, सरकार अपने कारोबार को कंप्यूटरीकृत करने की इच्छा रखने वालों और व्यापार बढ़ाने वालों को कम ब्याज दर पर ऋण देने की योजना पर भी विचार कर रही है.

सूत्रों ने बताया कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए भी एक विशेष नीति लायी जा सकती है. सरकार ने इससे पहले 59 मिनट में कर्ज देने की भी घोषणा की है. श्रम कानूनों में राहत दी है और पर्यावरण नियमों के पालन को भी आसान बनाया गया है. छोटे उद्योगों के लिए कंपनी कानून में भी कुछ बदलाव किये गये हैं. अगले एक-दो महीने में ही आम चुनावों की घोषणा होने वाली है.

गौरतलब है कि गुरुवार को ही छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को जीएसटी छूट सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. अब यह सीमा 40 लाख रुपये होगी. इसके अलावा, अब 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां एक फीसदी दर से जीएसटी भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी. यह व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभावी होगी. पहले एक करोड़ रुपये तक के कारोबार को यह सुविधा प्राप्त थी.

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